एक बार
एक बार
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होते होते, शाम सबेरे ,
रोज़ रोज़ बीत जानी हैं,
महसूस ज़रा करके देखा हैं तो ,
ये फ़िर से वही कहानी है,
खुलकर देखा, अच्छा लगा है ,
तो फ़िर से आजमानी है,
सुना है , कहीं से मैंने ,
ये ज़िंदगी सिर्फ़ एक बार जी जानी है।
