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Swati Nema

Classics Fantasy

4  

Swati Nema

Classics Fantasy

सिलसिला

सिलसिला

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4

तुम्हारे इश्क के शहर से, 

वो कुछ दूर फरमा रहे हैं, 


आदत तुम्हारी पड़ी थी, 

अब वो उसे छुड़ा रहे हैं, 


खैर धागों से बुना था, 

उनके मुकद्दर का सिलसिला, 


बिन मारे भी मारे जायेंगे, 

अब वो अपने खुदा को बुला रहे हैं।


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