STORYMIRROR

Anil Jaswal

Classics

4  

Anil Jaswal

Classics

रूप का जादू सब पर लागू।

रूप का जादू सब पर लागू।

1 min
318

इंसान में इंद्रियां होती,

वो हर बात पर,

जैसे उन्हें एहसास होता,

वैसी प्रतिक्रिया देती।


हर इंसान,

खूबसूरती का पुजारी होता,

वो अगर स्त्री में हो,

तो फिर सोने पर सुहागा।


ऐसी ही एक रूपसी थीं,

रानी पद्मावती।

वो‌ राजा गंधर्वसेन और चंपावती की,

औलाद थीं।

उसके पास एक हीरामन,

नाम का तोता था,

जो एक बार,

अपनी जान बिल्ली से बचाता हुआ,

शिकारी के जाल में फंस गया,

शिकारी ने उसे एक ब्राह्मण को बेचा,

वहां से वो चितौड़ के राज दरबार आया,

उसने रानी पद्मावती की खूबसूरती की कहानी,

राजा रतन सिंह को सुनाई।

राजा रतन सिंह पद्मावती को पाने को,

उत्सुक हो गया।


आखिर उसने राजकुमारी पद्मावती से,

विवाह रचाया,

और उसे चितौड़ की महारानी बनाया।

एक बार राजा ने,

अपने दरबार के तांत्रिक को,

अपमानित कर निकाल दिया।

वो अलाउद्दीन खिलजी के पास गया,

और रानी पद्मावती की खूबसूरती का,

चर्चा किया।

अलाउद्दीन खिलजी उसे पाने के लिए,

व्याकुल हो गया,

उसने चितौड़ को घेर लिया।

आखिर उसने संधि का प्रस्ताव भेजा,

और राजा से चौसर खेलने की इच्छा जताई।

राजा ने हामी भर दी,

उस शातिर ने सामने,

एक आयना रखा,

रानी जैसे ही महल की,

खिड़की पर आई,

उसके रूप का जादू चला,

अलाउद्दीन उसकी खूबसूरती देख,

मुर्छित हो गया।


अलाउद्दीन ने कर दी चढ़ाई,

राजा रतन सिंह मारा गया,

लेकिन रानी पद्मावती ने जौहर किया,

और अलाउद्दीन,

हाथ मलता रह गया।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Classics