दोस्ती
दोस्ती
कि सबने मिलकर दोस्ती लिखी,
मैं कुछ दोस्त को भी लिख दूं क्या,
कि सबने मिलकर दोस्ती लिखी,
मैं कुछ दोस्त को भी लिख दूं क्या,
कि बड़ा सा हैं वो किस्सा मेरा ,
मैं उसकी कहानी लिख दूं क्या,
कि बाद - बाद में बता दूंगी उसको ,
आज मैं उसकी तारीफ कर दूँ क्या,
कि छोटे बड़े हर किस्सों को वो मेरे ,
पल में ही सुलझाता है ,
घरवालों को कोई चिन्ता ना हो ,
तो वो हर बात मेरी सुन जाता हैं,
कि सबने मिलकर दोस्ती लिखी,
मैं कुछ दोस्त को भी लिख दूं क्या,
कि लड़ झगड़कर वो मेरे लिए ,
पूरी दुनिया को दिखाता है,
कोई बात समझ ना आए उसको तो ,
मेरे सिर को चकराता है ,
थोड़ा गुस्सैल , थोड़ा अकडू ,
पर वो मेरे लिए प्यारा भी बन जाता हैं,
कितना अब मैं उसको और लिखूं ,
वो हर कहानी में अधूरा ही रह जाता है ,
कि कितनी सारी बातें उसकी,
वो मुझे बता कर ही पचाता है,
दोस्ती तो बस एक शब्द है,
पर वो पूरी जिंदगी साथ निभाता है !