दुख ना होगा कभी खुश रहोगे हर रोज। दुख ना होगा कभी खुश रहोगे हर रोज।
मार तो सही , ऐ यार मेरे, चाहे आंखों के वार या तलवार की तरह तू। मार तो सही , ऐ यार मेरे, चाहे आंखों के वार या तलवार की तरह तू।
एक वो जो अनमोल मणि देता है और एक वो जो ज़हर देता है। एक वो जो अनमोल मणि देता है और एक वो जो ज़हर देता है।
आस्तीन के सांप तो आज हर जगह बैठे हैं कहीं सखा तो कहीं रिश्तेदार बनकर बैठे हैं। आस्तीन के सांप तो आज हर जगह बैठे हैं कहीं सखा तो कहीं रिश्तेदार बनकर बैठे हैं।
आज कल सांप से ज्यादा ज़हरीले लोग, पक्के मकानों में मिलते हैं। आज कल सांप से ज्यादा ज़हरीले लोग, पक्के मकानों में मिलते हैं।
आज काल की पुकार में उनको सबक सिखाते है। आज काल की पुकार में उनको सबक सिखाते है।