सांप
सांप


लोग सांप से डरते हैं।
देखते ही मारने को दौड़ते है।
ज़हर भरा है..... ऐसी बातें करते हैं।
भूल जाते हैं कि......
आज कल सांप से ज्यादा ज़हरीले लोग,
पक्के मकानों में मिलते हैं।
लोग सांप से डरते हैं।
मार कर सांप को,
खुद को सुरक्षित करते हैं।
फिर भगवान शिव के डर से,
सांप बनवा कर चढ़ाते फिरते हैं।
माफ़ी दे दो.....ऐसी बातें करते हैं।
भूल जाते हैं कि......
आज कल सांप से ज्यादा ज़हरीले लोग,
पक्के मकानों में मिलते हैं।
लोग सांप से डरते हैं।
लेकिन... अपने मतलब के लिए सब कुछ करते हैं।
जिंदगी की परिभाषाएं बदल जाती है।
जब आस्तीन में अपने भी सांप बनकर पलते है।
आज कल सांप से ज्यादा ज़हरीले लोग,
पक्के मकानों में मिलते हैं।