आस ढलने के पहले
आस ढलने के पहले
खोलकर रखूँगी में
वापसी के दरवाजे
मग़र बस शाम तक
लौट सको तो आ जाना
परिंदे को है लौट घोंसले में आना
कितनी भी ऊँची उड़ान हो
भूला है वो भुला दे जो अपनों को
सूरज डूबे और जब शाम हो
ये वापसी के दरवाज़े
बंद होते हैं साँझ ढले
उसके पहले लौट आना
मेरी आस ढलने के पहले लौट आना।