आओ रंग जाए सब एक ही रंग में
आओ रंग जाए सब एक ही रंग में
आओ रंग जाएँ एक ही रंग में,
झूम उठे चंग की गूँज में।
गुझिया खाएं, ग़ुलाल उड़ाएँ,
लगा दे रंग आज अंग अंग में।
घुले फ़िज़ा में रंग खुशियों के,
सतरंगी भावों की उड़े फुहार।
न रहे बंदिश और रंजिश,
उड़े फ़िज़ा में सद्भावों की बयार।
सब मिलकर चंग बजायेंगे,
होली की धुन में फिरकेंगे पाँव।
होली है भाई होली है,
रंग ग़ुलाल खेलने के हो रहा चाव।
कपड़ों पर लगेंगे रंग और ग़ुलाल,
मन से मिटेगी नफरतें।
दिलवालों का त्यौहार है होली,
मिटेगी दिलों की हसरतें।
न छोटा, न बड़ा, न बच्चा, न बुढ़ा,
कोई न रहेगा घर के अंदर।
होली की मस्ती है यारों,
आओ आओ, निकलो घरों से बाहर।
करो रंगों की बारिश सभी पर,
भीगो दे सबका तन मन आज।
राधा कृष्ण का मिलन पर्व है,
बजायें मिलकर सुर और साज।
देखो निकला आसमान में,
सात रंगों में रंगा वह इंद्र धनुष।
बरसा रहा है रंग प्रीत के,
सारा ब्रह्माण्ड है आज बड़ा खुश।
स्वर्ग लोक में देवी देवता भी,
बजा रहे हैं आज चंग झूम के।
उतर आई धरा पर अप्सरायें आज,
नाच रही हैं घूम घूम के।