शहरों के चेहरे बदल जाते मुखौटे के पते पूछे किससे कुछ याद रहते कुछ चले जाते निहारने से क्या फिजाएं... शहरों के चेहरे बदल जाते मुखौटे के पते पूछे किससे कुछ याद रहते कुछ चले जाते नि...
रात का अँधेरा तो यूँ हीं बदनाम है दिन के उजाले में मुझ पे वार हुआ है दोस्त रात का अँधेरा तो यूँ हीं बदनाम है दिन के उजाले में मुझ पे वार हुआ है दोस्त
वनों को काटा, शहरों को कंक्रीट का नगर बनाया वनों को काटा, शहरों को कंक्रीट का नगर बनाया
तेरे माथे पे हम ओ वक़्त,अब हर तोहमत लगा नहीं सकते।। तेरे माथे पे हम ओ वक़्त,अब हर तोहमत लगा नहीं सकते।।