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आँखे

आँखे

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जिंदगी हँसाती कभी रुलाती

ये बात जब आँखे हमें बताती

दिल कहीं कभी खो जाता

यादों की गलियों में

जगह तो वही

शहरों के चेहरे बदल जाते

मुखौटे के पते पूछे किससे

कुछ याद रहते कुछ चले जाते

निहारने से क्या फिजाएं

फिर से आएगी

मौसम की नजाकत है

मौसम पर आएगी

यूं नज़रों का भटकाव

मन को आस का पंछी बनाता

फूलों से खुशबू हुई नदारत

पंछी भी प्रेम के गीत गाना भूले

आबो हवा और धड़कन

धीमी हो गई

ना जाने मोहब्बत कहाँ गुम हो गई

तारों को निहारते थे कभी

अब निहारने पर मुस्कुराता जुगनू

फूलों में उसकी छवि जब देखता

यादों की खुशबू

दिमाग पर छा जाती

तो क्या ये मोहब्बत का नशा है

जो रहता

दिलो दिमाग पर



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