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Seema Garg

Tragedy

3  

Seema Garg

Tragedy

प्रदूषण

प्रदूषण

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मेरे देश की फिजाओं का बुरा हाल है 

प्रदूषण का फैला चहूँ ओर मायाजाल है 


जनता की साँसें सीने में घुटती हैं 

स्वच्छ हवा लेने के लिए तरसती हैं 


नन्हें मुन्ने नौनिहालों को श्वांस देता है इन्हेलर 

दमा, एलर्जी, श्वांस रोग ने घेरा है वेदर 


जल प्रदूषण ने निर्मल माँ गंगा,नदियों को प्रदूषित किया 

गन्दगी कल कारखानों का कचरा गंगा, यमुना नदियों में दिया 


ध्वनि प्रदूषण,लाउड स्पीकर से चहूँ ओर बेहद शोर है 

बच्चों, बडों, बुजुर्गों की श्रवणशक्ति पर पड़ता जोर है 


पर्वतों को काटकर,तीर्थस्थलों में शहर, होटल बसाये हैं 

प्रकृति का कर दोहन प्रकृति प्रदूषण बढाये हैं 


नन्हें शिशुओं को मिलता कैमिकल से बना दुग्धहार है 

शिशुपन से ही बीमारियों के प्रदूषण से शरीर लाचार है 


नकली दवायें नकली इंजेक्शन से पटे पडे हैं बाजार 

रोग, बीमारी ठीक हो कैसे जब इलाज भी है झोलाछाप 


मिठाई में नकली मावा,साग,सब्जी,फलों में नकली रंग, स्वाद भरा है 

खाकर रोगी बनते मानव, कैंसर टीबी 

किडनी संक्रमण ने तन जकड़ा है 


वनों को काटा, शहरों को कंक्रीट का नगर बनाया 

निर्मल आक्सीजन की साँस लेने को मानव तरसाया 


 धरा पर गन्दगी का जमघट कूडे, कचरे का ढेर है 

अटे पडे नाले नाली बजबजाते , रेंगते कीड़ों का ढेर है 


प्रदूषण, प्रदूषण सारे देश में फैला है प्रदूषण 

सावधान ऐ इंसां सारे देश में पाँव पसार रहा प्रदूषण।।




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