प्यार का मौसम--
प्यार का मौसम--
तुम्हारे प्यार का मौसम मिलन के गीत गाता है,
सींच कर बागबां माली फूल कलियाँ सजाता है।
तुम्हारे प्यार से रौशन हर एक दिल मुस्कुराता है,
ये महफ़िल है दीवानों की हर दिल गीत गाता है।
कहीं लैला कहीं मजनूँ प्रीत सरगम छेड़ जाता है,
तुम्हारे प्यार का मौसम मिलन के गीत गाता है।
मोती सी सजी शबनम फूल पत्तियाँ निखर आईं,
झूमते पेड़ गले मिलकर झुकीं डालियाँ सँवर आईं।
मधुरिम कलरव गूँजा कोकिल मैना कूकती आईं,
बहारों की डोली में तितली अलि की प्रीत गुनगुनाई।
देखकर प्रकृति में बसंत सौन्दर्य पवन बहकता है,
तुम्हारे प्यार का मौसम मिलन के गीत गाता है।
शमां जब भी पिघलती है परवाना जलने आता है,
थिरकती रजनी के आगोश में चाँद सजने लगता है।
वारिधि की ओट से जब पूनम का चाँद निकलता है,
यामिनी के श्याम आँचल में अंबर घट मचलता है।
मिलन होता नीलांचल में क्षितिज दूर मुस्कुराता है,
तुम्हारे प्यार का मौसम मिलन के गीत गाता है।

