आनंद की आतिशबाज़ी
आनंद की आतिशबाज़ी
आनंद की आतिशबाज़ी पूरी फिज़ा में बिखर रही
सितारों की रंग-बिरंगी चुनरी जैसे फिज़ा ओढ़ रही
खुशियों के कई रंग आसमाँ में देखो बिखर गए
हर कोई जैसे अपने अपने आनंद में झूम रहे
किसी को आनंद आसमाँ छूने का
कोई रोटी पा कर खुश हुआ
गीत गा रहा कोई आजादी के
कोई वर्चस्व पा अपना आनंदित हुआ
रात खुश चांद तारों के संग
दिन सूरज को पा पुलकित हो रहा
हर बाधा पार कर मंजिल पाआनंदित राही है
आनंद के एहसास पाने को हर इंसान बाधित है
ख्वाबों में आनंद को हर इंसान की आँखें देख रहीं
आनंद की आतिशबाज़ी पूरी फिज़ा में बिखर रही।
