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Kamlesh Kumar

Abstract Romance Fantasy

4  

Kamlesh Kumar

Abstract Romance Fantasy

हमसफर

हमसफर

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हमसफर, हमसफर, हमसफर, तेरे साथ जीवन की डगर। 

ये जीवन हंस रह,प्यार से कट रहा, तेरे साथ सुहाना सफर।।

हमसफर, हमसफर..............................................।।


मैं जब रोया तो, तुमने भी रोया सनम।

मैं जब जागा तो, तुमने ना सोया सनम।

मै न खाया तो, तुमने भोजन ना छुआ।

एक दूजे के संग, हमने ऐसे जिया। 

चाहे दुख हो या सुख,साथ हरदम रहे,

बिना  किए  अगर या  मगर।।

हमसफर, हमसफर...........................।।


तुम जो हंसती, पूनम का वो चांद आ गया ।

जो दुखी हो तो, दुख का अंबार लग गया।

जब तू खुश हो, धरा के सब फूल खिल गए। 

तेरे  कष्टों  पे  खिले  फूल मुरझा  गए।

तेरे दुख में दुखी, तेरे सुख में खुशी,

ऐसे  जीवन  रहा है  गुज़र।।

 हमसफर, हमसफर..............................................।।


है ये रब से दुआ, जब तक सांस चले।

एक दूजे के, हाथों में हाथ रहे।

सारी जिम्मेदारियां मिल,उठा लेंगे हम।

एक दूजे का सुख-दुख निभा लेंगे हम।

जब भी दम निकले, साथ ही निकले,

हर  दुआओं  को  हो  ये असर।।

हमसफर, हमसफर............................।।


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