श्रीकृष्ण अब तो आ जाओ
श्रीकृष्ण अब तो आ जाओ
कण-कण में जो व्याप्त श्रीकृष्ण हैं,मुरली मनोहर श्याम,
कि अब तो आ जाओ , कर दो नव भारत निर्माण ।।
पूजा अर्चना करते तुम्हारा , दे दो थोड़ा- सा ध्यान ।
कि अब तो आ जाओ , कर दो नव भारत निर्माण।।
नारी की अस्मत सभा मध्य में, जब हो रही थी तार -तार।
पांचों पतियों को वह अपने, बुला रही थी बार-बार।
नहीं सहायता किया कोई,वहां वीर थे एक से एक अपार।
पूरी मानवता देख दृश्य यह , हो रही थी शर्मसार।
सुनी पुकार अस्मत को बचाया , द्रोपदी का घनश्याम।।
कि अब तो आ जाओ , कर दो नव भारत निर्माण ।।
महाभारत में अर्जुन को जब , मोह हुआ संसार का ।
रणभूमि में सभी थे अपने , चिंता हुआ परिवार का ।
तब समझाया अर्जुन को,कि ईश्वर ही सब करता है।
मानव हो तुम कर्म करो ,परिणाम से क्यों तू डरता है।
दिखलाया विराट रूप और दिया गीता का ज्ञान ।।
कि अब तो आ जाओ , कर दो नव भारत निर्माण ।।
जब संकट आया भक्तों को , तुमने राह दिखाया है।
देखो आज के भारत को, हर तरफ दु:खो की छाया है ।
भ्रष्टाचार ,चोरी, घूसखोरी , व्याभिचार, घोटाला है ।
बेटी-बहनों की इज्जत-अस्मत,अब नहीं बचने वाला है।
भारत भूमि तुम्हें पुकारे , आ कर दो कल्याण।।
कि अब तो आ जाओ , कर दो नव भारत निर्माण ।।
