मां सिद्धिदात्री
मां सिद्धिदात्री
नौवां स्वरूप मां का सिद्धिदात्री कहलाता है ।
पूजा-आराधना मां का कर सब सिद्धि पता है।
नवरात्र का नौवां दिवस,मां का दर्श दिखाता है।
पूजा-आराधना मां का कर सब सिद्धि पाता है।।
अष्ट सिद्धियां , नौ निधियां मां ही देती है ।
भवसागर में जीवन नौका मां ही खेती है ।
महादेव ने भी सब सिद्धियां मां से पाई थी।
शास्त्रों-पुराण की कथा ने ये बातें बतलाई थी।
सुख-समृद्धि वरदान भक्त, मां से ही पाता है।।
पूजा-आराधना मां का.................….।।
अर्धनारीश्वर रूप मां ने शिव शंकर को दी थी।
घर गृहस्थी में नरी - पुरुष सहभागी कहीं थी ।
बिना नर - नारी सृष्टि में कुछ भी नहीं संभव है।
नर - नारी मिल संभाव से सृष्टि का उद्भव है ।
मां का उत्तम अभिनव विचार,संभाव दिखाता है।।
पूजा-आराधना मां का......................….।।
मां मुझे सिद्धि दे ताकि भ्रष्टाचार मिटा पाऊं।
कष्ट , दुख , गरीबी हटा के रामराज्य मैं ला पाऊं।
अपना वतन क्या विश्व में भी सब खुशी से रह पाए।
तेरे प्रताप से कमलेश मां कुछ ऐसा कर पाए।
फिर कटेगा तेरे चरण में ,शरण में भक्त ये आता है।।
पूजा-आराधना मां का.........................….।।
