प्रकृति सी कोमल तुम, मेरु समान दृढ़ता लिए, नीर सा निर्मल हो तुम, नारी तुम न हारी हो। प्रकृति सी कोमल तुम, मेरु समान दृढ़ता लिए, नीर सा निर्मल हो तुम, नारी तु...
बैल व सांपों संग राख लपेटे, बारात में आये औघड़ दानी। बैल व सांपों संग राख लपेटे, बारात में आये औघड़ दानी।
शिव ही सत्य की ज्योत है, उनके बिना न कोई होत है। शिव ही सत्य की ज्योत है, उनके बिना न कोई होत है।
अपना धर्म लगता है खोटा, पर जिहादी बड़े प्यारे है ! अपना धर्म लगता है खोटा, पर जिहादी बड़े प्यारे है !
ज्ञान शक्ति से परिपूर्ण होकर , अन्याय न सहकर सबक जब सिखाएगी! ज्ञान शक्ति से परिपूर्ण होकर , अन्याय न सहकर सबक जब सिखाएगी!