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Yogesh kumar Dhruw

Inspirational

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Yogesh kumar Dhruw

Inspirational

नारी

नारी

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प्रकृति सी कोमल तुम,

मेरु समान दृढ़ता लिए,

नीर सा निर्मल हो तुम,

नारी तुम न हारी हो।।


अन्धकार की दीपक,

निश्च्छलता की मूरत,

सोये मन की आशा हो,

नारी तुम न हारी हो।।


वसुंधरा की शोभा हो,

वात्सल्य मयी ममता,

धिरजता की मूरत धर,

नारी तुम न हारी हो।।


अर्धनारीश्वर में तुम तो,

नर नारी के रूप लिए,

जननी तुम तो जननी,

तुम बिन अधूरी सृष्टि,

नारी तुम न हारी हो।।

     






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