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Yogesh kumar Dhruw

Abstract

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Yogesh kumar Dhruw

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"लॉक डाउन"

"लॉक डाउन"

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अपने घर मे रहो ना,

सुनसान है गाँव गली,

चौक चौरहै खाली ना,

न मिलो किसी से भाई,

दूर भगाना है ये कोरोना ||


शहर-शहर देश-देश,

पाँव पसारे है कोरोना,

दूरी बनाओ मिलने से,

मल मल हाथ धोओ ना,

दूर भगाना है ये कोरोना ||


अपनी खुद रक्षा करो ना,

घर के अंदर सब रहो ना,

मुह नाक न तुम छुओ ना,

सबकी रक्षा अब करोना,

दूर भगाना है ये कोरोना ||


महामारी न बनने देना है,

जन गण मन अब सुनो ना,

कौम की रक्षा सब करोना,

वीआईपी तुम ना बनो ना,

दूर भगाना है ये कोरोना ||


न राजा न रंक फकीरा,

न किसी को जानेना ना,

हाथ मलो सब बार -बार,

तीसरा स्टेप न लाओ ना,

दूर भगाना है ये कोरोना ||


धर्म पंथ की न बात हो,

मानवता की इस पथ में,

कोरोना से अब लड़ाई,

इसमें हम सबकी भलाई,

दूर भगाना है ये कोरोना ||


अब तो लॉकडाउन आई,

अब कोरोना की धुलाई,

सबको करना ये मेरे भाई,

लॉक डाउन में है भलाई,

दूर भगाना है ये कोरोना ||

      



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