ज्ञान शक्ति से परिपूर्ण होकर , अन्याय न सहकर सबक जब सिखाएगी! ज्ञान शक्ति से परिपूर्ण होकर , अन्याय न सहकर सबक जब सिखाएगी!
पुरुष और नारी से ही होती प्रकृति पूरी, दोनों से ही पूर्णता बिन किसी के अधूरी। पुरुष और नारी से ही होती प्रकृति पूरी, दोनों से ही पूर्णता बिन किसी के अधूरी।