मां चंद्रघंटा
मां चंद्रघंटा
चंद्रघंटा मां का तीसरा स्वरूप है ।
अद्भुत,अद्वितीय मां का सुंदर रूप है।
पूजन, कीर्तन,भजन में सच्चा सुख है।
अद्भुत,अद्वितीय मां का सुंदर रूप है।
मां परम शांति देने वाली तेरी ये छवि ।
ध्यान लगाकर सुख पाते हैं भक्त सभी।
तुझको रंग नारंगी बहुत ही प्यारा है ।
सिंह सवारी तेरी बहुत ही न्यारा है ।
चंद्र विराजे मस्तक छवि अनूप है ।।
अद्भुत, अद्वितीय.....................।।
दसों भुजाओं से शक्ति देती अपार मां ।
भक्तों को देती भक्ति और प्यार मां ।
रूप ये तेरा सारे दुख को हर लेता।
भक्तों के जीवन में सुख को भर देता ।
रुप तेरा ये जग का शांति दूत है ।।
अद्भुत, अद्वितीय.....................।।
मां तेरी महिमा का क्या मैं बखान करूं !
हृदय में रख छवि तेरा ही ध्यान करूं।
वतन पे ना कोई कभी दुख की साया हो।
दे शक्ति ये जीवन वतन के नाम करूं।
तेरी कृपा से ही निर्भय तेरा ये सुत है।।
अद्भुत, अद्वितीय.....................।।
