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Kamlesh Kumar

Inspirational

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Kamlesh Kumar

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मां कात्यायनी

मां कात्यायनी

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षष्ठम दिवसे कात्यायनी का आगमन होता है।

महिषासुरमर्दिनी  का आज, पूजन होता है।

कोटि - कोटि कंठों से जय मां गुंजन होता है ।

महिषासुरमर्दिनी  का आज पूजन होता है।।

महिषासुर का अत्याचार जब बढ़ा धरा पर।

त्राहि -त्राहि जब मानवता चीख रही धरा पर।

ब्रह्मा , विष्णु , महेश तीनों ने अपना अंश दे,

माता का भौतिक स्वरूप ले आया धरा पर।

मां का रूप श्रृंगार अनोखा नूतन होता है ।।

‍महिषासुरमर्दिनी  का आज...........।।

.

हरित-बसंती रंग तुम्हें मां ख़ूब सुहाता है।

तेरी महिमा वेद , शास्त्र , ज्ञानी गाता है ।

कुंवारी कन्या के लिए तेरी पूजा विशेष है।

महिषासुर अब गली-गली में बदला वेश है।

मां तेरी शक्ति कन्या को समर्थ बनाता है।।

महिषासुरमर्दिनी  का आज...........।।



ऋषि कत्यायन ने मां की पहली पूजा की ।

इसलिए मां की कत्यायनी नाम सूझा दी ।

भक्तों के सारे दुख -दर्द को दूर करो मां ।

कमलेश को अपनी भक्ति तू दे दो ना मां।

आज मां कत्यायनी का भक्ति भजन होता है।।

‍महिषासुरमर्दिनी  का आज...........।।

                  


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