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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Romance Fantasy

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हरि शंकर गोयल "श्री हरि"

Romance Fantasy

गीत : जबसे तुमसे मुहब्बत हम

गीत : जबसे तुमसे मुहब्बत हम

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गीत :

जब से तुमसे मुहब्बत हम करने लगे 

जब से तुमसे मुहब्बत हम करने लगे 

खूबसूरत से अरमान सजने लगे 

बेकरारी में हद से गुजरने लगे 

अनगिनत सपने आंखों में पलने लगे 

जब से तुमसे मुहब्बत हम करने लगे 

खूबसूरत से अरमान सजने लगे ।। 

नजर जब नजर से टकरा गई 

हाले दिल हमको तेरा वो बतला गई 

थरथराते लबों का इशारा हुआ 

दिल मुहब्बत में तेरा दीवाना हुआ 

इश्क की आंच पे हम सुलगने लगे 

अनगिनत सपने आंखों में पलने लगे 

जब से तुमसे मुहब्बत हम करने लगे 

खूबसूरत से अरमान पलने लगे ।।

रात दिन अब तो तेरे खयाल आते हैं 

अपनी बांहों में मुझको सुला जाते हैं 

चांदनी की तरह से तू आती है 

घर मेरा रोशनी से तू भर जाती है 

शबनमी ओस में हम झुलसने लगे 

अनगिनत सपने आंखों में पलने लगे 

जब से तुमसे मुहब्बत हम करने लगे 

खूबसूरत से अरमान पलने लगे 

बेकरारी में हद से गुजरने लगे 

अनगिनत सपने आंखों में पलने लगे 



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