STORYMIRROR

MS Mughal

Fantasy Others

4  

MS Mughal

Fantasy Others

शौख ए बे वफाई

शौख ए बे वफाई

1 min
283

तमाम अक्ल के बखिये मेरे, उधेड़ दिए तुमने

चाक जिगर ओ दिल, खूँ से लथेड़ दिए तुमने


तुमने जाना ही नहीं, एहसास ए मुहब्बत को 

ख़ुद से ख़ुद ख़ुद दलीलों को, नबेड़ दिए तुमने


 नबेड़ ( खत्म, निपटारा ) 


अजब तमाशे रचे है तुमने, यक ब यक बार हा

इस दिल के सौज़ को भी , खखेड़ दिए तुमने 


खखेड़ ( हंगामे ) 


बात की बातों में दी नहीं जाती तव्वजो तुम से

बे बात की बातों में, जंग जू छेड़ दिए तुमने 


जंग जू ( लड़ाई झगड़े ) 


किस अदा से कहोगे, की चाहत है तुम्हें हमसे

इन अंदाज़ ए दिल से हमें, खदेड़ दिए तुमने 


चाक दिल को लिए, अब कहा फिरे 'हसन' 

तमाम शौख ए दिल को, सुकेड़ दिए तुमने


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Fantasy