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dr vandna Sharma

Drama

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dr vandna Sharma

Drama

आँखों की ज़ुबान

आँखों की ज़ुबान

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जो कह देती है आँखों की नमी,

वो बड़ी सी मुस्कान भी कह नहीं पाती,

बड़ी गहराई होती है किसी की ख़ामोशी में,

वो बातें चीखकर भी समझाई नहीं जाती।


आँखों की ज़ुबान दिल से समझी जाती है,

जो कही नहीं गयी वो आँखों से पढ़ी जाती है,

कर जाती है जब शरारत आँखे

सीधे दिल पर वार कर जाती हैं।


हँसती हैं आँखें मुस्कान दे जाती है,

आँखों की कहानी आँखें ही समझती है,

झुकती है ,उठती है, क़यामत ढा जाती है,

जो सुनी न किसी ने धड़कन बन जाती है।


मौन भाषा कितना असर कर जाती है।।


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