हरयाली तीज
हरयाली तीज


सावन का महीना ,बारिश की फुहार
सखियों का संग ,ठंडी ठंडी चले बयार
वो अमिया की डाली में पड़े झूले
वो लोकगीतों की नटखट मस्ती
घेवर की महक ,गुझियों का स्वाद
वो मेहँदी भरे हाथ ,वो सोलह श्रृंगार
हरी चूड़ियों की खन खन
पायलिया की छन छन ,उस पर
पीहर में बरसता बाबुल का प्यार
कुछ ऐसा था बरसो पहले
हमारा प्यारा तीज का त्यौहार
वक़्त ने ली ऐसी अंगराई
कैसी चली हाय पुरवाई
ये कहाँ आ गए हम
ना सखियों का संग
ना अमिया के झूले
इस आधुनिकता ने तो
सारे सुख हमसे छीने
माई तेरा आँगन बहुत याद आता है
बाबुल तेरा दुलार बहुत याद आता है
वो मायके की नटखट तीज याद आती है
सखियों का चिड़ाना ,हरियाली गाना
ज़िंदगी की दौड़ में छूट गया
बहुत कुछ पीछे ----
वो बरसात ,वो सावन
माँ तेरा आंचल
बहुत याद आता है!