आँखों का तमाशा
आँखों का तमाशा
कल रात मेरी आँखों ने बड़ा तमाशा किया,
बड़ा जोर जबरदस्त अच्छा खासा किया।
ये ढूँढती रहीं रात भर चाँद में चेहरा उसका,
कभी चेहरा मिलातीं, कभी नुक्श निकालती रहीं,
ये रात भर मुझे यूँ ही जगाती रही।।
