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Sandeep Firozabadi

Classics

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Sandeep Firozabadi

Classics

गलतफ़हमी

गलतफ़हमी

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इतराता था मैं कि चाहने वाले बहुत हैं मेरे,

एक काफ़िला साथ है मेरे,

बुरे वक़्त ने गलतफ़हमी दूर कर दी मेरी,

बस बेचैनी, बेबसी और मायूसी हाथ है मेरे|


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