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Madhu Vashishta

Romance

4  

Madhu Vashishta

Romance

आंखों का काजल

आंखों का काजल

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आंखों का काजल कहीं धुल ना जाए।

क्यों तुम्हारी आंखों में आंसू भर आए?

यह जुल्फों की बदली क्यों चांद से मुखड़े पर छा गई?

किस चिंता की रेखा तुम्हारे चेहरे पर आ गई?

क्यों शांत होकर बैठ गई तुम्हारी चूड़ियां भी। 

बजती नहीं क्यों तुम्हारी पायल अभी। 

तुम्हारी मुस्कुराहट ही तो ताकत है मेरी। 

जब सजाती हो माथे पर बिंदिया तो लगता है तुम हो केवल मेरी। 

परेशान ना होना कुछ नहीं हुआ है। 

व्यस्तताओं का दौर है जो यूं ही चल रहा है। 

बस इस दुख की घड़ी में मेरा साथ निभा देना। 

बह जाएगा आंखों का काजल यह बहते आंसुओं को बता देना। 

मेरे मन में हर समय रहती है छवि तुम्हारी।

मैं खुश हो रहूंगा बस तुम मुस्कुरा देना। 

जल्दी ही दुखों की बदली यह छटेगी

मैं तुमसे मिलूंगा तुम मुझसे मिलोगी।

मिलन की इंतजार में कुछ समय और बिता लेना।

इतने अपनी उलझी जुल्फों को सुलझा लेना।



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