आजीविका-अर्जन
आजीविका-अर्जन
फैली है हर तरफ़ कोरोना की महामारी
आजीविका-अर्जन की आ पड़ी लाचारी
ऊपर से और महँगी हो गई रोज़ी-रोटी
यह आपदा पड़ रही है सब पर भारी
किसीकी तो चली भी गई है नौकरी
कब सुधरेगी ये मुश्किल परिस्थिति।
फैली है हर तरफ़ कोरोना की महामारी
आजीविका-अर्जन की आ पड़ी लाचारी
ऊपर से और महँगी हो गई रोज़ी-रोटी
यह आपदा पड़ रही है सब पर भारी
किसीकी तो चली भी गई है नौकरी
कब सुधरेगी ये मुश्किल परिस्थिति।