आजादी अमृत महोत्सव
आजादी अमृत महोत्सव
आजादी अमृत महोत्सव
आज हम सब मनाते हैं।
देश का स्वतंत्रता दिवस
सब मिल मनाते हैं।
बापू, गंगाधरतिलक, सुभाष,
चन्द्र शेखर, भगतसिंह,
सुखदेव, राजगुरु, मंगलपांडे,
सब खून से होली खेले थे।
आजादी के थे दीवाने,
सारे संघर्ष स्वयं पर झेले थे।
स्वतंत्रता आसान नहीं थी,
लाखों ने जीवन सूली पर,
चढ़ाया था।
स्वर्णाक्षरों में लिखा नाम,
तब देश आजाद कराया था।
उनकी कुर्बानी की याद में,
हम अमृत महोत्सव मनाते हैं।
75 साल पूरे हुए वीरों,
को नमन करते हैं।
आज भी सरहदों पर देश ,
की सेवा करते हैं।
अपना सब परिवार छोड़ कर,
जी-जान न्योछावर करते हैं।
देश की सुरक्षा की खातिर,
अपना जीवन अर्पण करते हैं।
पत्नी उनकी करती इंतजार,
तिरंगे में लिपट पहुंच जाते हैं।
ऐसे वीर जवानों को हम ,
कैसे भूल सकते हैं।
उनकी याद में आज हम सब,
आजादी अमृत महोत्सव मनाते हैं।
ऐसे वीरों को याद करो,
और उनके परिवार का सम्मान करो।
उनके बच्चों की मदद करो,
ऐसे परिवार का ख्याल रखो।
ये तिरंगा प्यारा फहराता रहे,
ऊँचा आसमान में देश की शान बढ़ाता रहे।
तीन रंगों का मेल नहीं यह,
देश की एकता और अखंडता का प्रतीक है।
इसकी शान न घटने पाये,
तिरंगा कभी न झुकने पाये।
आजादी के अमृत पर्व को,
आओ हम सब मिलकर मनाये।
देश के वीर जवानों को नमन करें,
उनके लिये नतमस्तक हो जाये।
यही हमारी देश के लिए पूजा है,
यही हमारी देश के लिए कर्तव्य है।