आदिवासी
आदिवासी
सुनामी आए या आए तूफान
इनका नहीं किसी से डरने का काम।
प्रकृति के बहुत नजदीक है यह
पर्यावरण के रक्षक है यह।
अपना विकराल और वीभत्स रूप फैलने से पहले,
प्रकृति इन्हें बतलाती है।
इनका कोई नुकसान न पहुंचे इसलिए इन्हें सकुशल पहुंचाती है।
याद मुझे आते हैं वह पल
जब सुनामी ने विकराल रूप था लिया।
हम शहरों में बैठकर देखते थे खबरें।
कहीं सुदूर में रहने वाले आदिवासियों को तो समुद्र ने नहीं लील लिया।
दूर हेलिकॉप्टर उड़ते थे
सुदूर में रहने वाले आदिवासियों को ढूंढते थे।
उस दिन हम भी मुस्काए थे
जब समाचार में उनकी कुशलता की खबर पाए थे।
तब ही हमको पता चला था।
प्रकृति के यह दुलारे हैं।
कुछ भी होने से पहले आभास इन्हें हो जाता है
क्यों कि यह प्रकृति के पाले और प्यारे हैं।
इन्हें आभास था सुनामी का,
सकुशल यह तटों से दूर गए।
जिन्हें विकास का बहुत गर्व था।
जो केवल विज्ञान पर ही निर्भर था।
वही सुनामी की चपेट में आए।
प्रकृति कितनी ताकतवर है यही समझाने के लिए ही शायद
प्रकृति ने अपने ऐसे विकराल रूप दिखाए।
