आँख से आँसू भी न निकला, दिल से आह भी न निकली। सुनामी की क्रूरतम लहरों को देख, क्यूं इतनी खामोश थी मै... आँख से आँसू भी न निकला, दिल से आह भी न निकली। सुनामी की क्रूरतम लहरों को देख, क्...
तुमने आसमान में इंद्रधनुष बनाया है परछाई तो मेरी ही है -- साया का अक्स तभी तो तुममे पाया है ... तुमने आसमान में इंद्रधनुष बनाया है परछाई तो मेरी ही है -- साया का अक्स तभी त...
पर दीपक की आखिरी लो जलानी है खून की कीमत चुकानी है। पर दीपक की आखिरी लो जलानी है खून की कीमत चुकानी है।
दिल की बातों को कहने से डरते हैं कुछ लोग कहते हैं। दिल की बातों को कहने से डरते हैं कुछ लोग कहते हैं।
शपथ लेते हैं जंगल- पहाड़ को बचायेंगे पेड़ लगाएंगे। शपथ लेते हैं जंगल- पहाड़ को बचायेंगे पेड़ लगाएंगे।
समाज के विषयों को ,ही देख के कविता भी अपना रूप बदलती है ! समाज के विषयों को ,ही देख के कविता भी अपना रूप बदलती है !