आधुनिक प्रेम
आधुनिक प्रेम
पहली मुलाकात पर वो थोड़ा शरमाया था।
देख कर उसकी अदा मैं भी थोड़ा इठलाया था।
वह कहानी बहुत रंगीन है दोस्तों
कि कैसे मैंने उसे प्यार जताया था।
मैं झुका उसके सामने और दे दिया
उसे इजहार करने जो गुलाब लाया था।
देख कर उसे में मोहक होने लगा
जिसने मेरा प्यारा दिल चुराया था।
बातें सारी उसकी मानने लगा
कुछ ऐसे उसने मुझे लुभाया था।
उसकी सारी जरूरतें है मैंने पूरी की
जो चाहे सब कुछ उसे दिलाया था।
पागल होने लगा था उसके प्यार में
मेरा सब कुछ उस पर ही लुटाया था।
कई साल खुशी से बीते लेकिन
रिश्ता हमारा पहले से थोड़ा मुरझाया था।
फिर एक दिन पूछा मैंने क्या हुआ तुझे
क्या बताती वह उसका दिल तो किसी और पर आया था।
यह सुनने के बाद मैं खूब रोया लेकिन
उसने एक भी आंसू नहीं बहाया था।
क्योंकि वो खुश थी उसके साथ,
यह देख कर मेरा दिल तिलमिलाया था।
चलो जो हुआ अच्छे के लिए हुआ
यह दिलासा देकर दिल को सहलाया था।
लेकिन तनहाई हमसे सहन नहीं हुई
उसकी याद ने हमें बहुत रुलाया था।
शायद उसका प्यार सच्चा नहीं था,
जो था सब कुछ उसने दिखावा किया था ।

