तेरा चेहरा
तेरा चेहरा
तुझे देखने की है बड़ी उम्मीद
तेरा चेहरा है हसरत-ए-दीद।
वैसे ज्यादा जानते नहीं है तुम्हें
हो रही है हमारी दीद-ओ-शुनीद।
लेकिन एक बार देखने से मन ना भरे
हर बार लगता है तेरा चेहरा तजदीद।
वैसे काफी कुछ है देखने के लिए
लेकिन तेरा चेहरा है काबिल-ए-दीद।
सब कुछ देखना अनर्थक होगा शायद
अगर तुझे देख ना ले कोई चश्मदीद।
कहीं कुछ ऐसा वैसा तो नहीं है
की है हमने तेरे चेहरे मे कई दीद-वा-दीद।
लेकिन तसल्ली हो गई है अब
जब से की है हमने एक दूसरे से बाज-दीद।
वैसे तो सात अजूबे है इस दुनिया में
उसमें से एक तेरा चेहरा भी है दीद-न-शुनीद।
भीड़ में भी तू ही दिखे मुझे
क्योंकि तेरा चेहरा है दूसरों से फरीद।
सब कुछ इंटिसाब कर दूं तुझ पर
बस तुझे देखने की है बड़ी दीद।

