आई
आई
कोई कहता है आई
तो कोई कहता है माई ।
दुनिया की सबसे अच्छी चीज
भगवान ने आई को बनाई ।
हमेशा मेरे साथ रहती है
जैसे हो वो मेरी परछाई ।
भीड में अगर जाऊं मैं तो
पकड़ के रखती है मेरी कलाई ।
सुबह को कॉलेज के लिए उठाती है
प्यार से खींचकर वो रजाई ।
करती है हमेशा प्यार
चाहे कर ले फिर पिटाई ।
पैसों की कितनी भी कमी हो
लेकिन दूध देती है मार के मलाई ।
हर बार नए कपड़े दिलाती है
चाहे बढ़ जाए कितनी भी महंगाई ।
अगर मैं गलत करूं तो खिजाती है
तभी भले ही लगे कड़वी पर है वो मिठाई ।
जो भी मुझे दिया उसके लिए
आई से मांगता हूं बस शादाई ।
आई से मांगना चाहता हूं माफी
क्योंकि मैंने उसको बचपन में बड़ी सताई ।
आई तो सबकी अच्छी होती है
चाहे वो हो हिंदू या फिर ईसाई ।
कितनी भी तारीफ करूं लेकिन
खत्म नहीं होगी आई की अच्छाई ।
आई मेरी ठीक रहे हमेशा
बस रब से मांगता हूं यही दुहाई ।
