मां का आगमन
मां का आगमन
तेरे दर पे ये दामन पसारे हुए
माता झोली हमारी ये भर दीजिए
सिंह सवारी है मां छव न्यारी है
तेरी पूजा के लिए पुजारी है मां
दाएं भोला ये आसन लगाते हुए
दाएं बजरंग की झांकी सजा दीजिए
सिंधु सागर जहां नर-नारी आते
वहां ऐसा रमडी की ओर देखा कहां
जो भी अब लाये आये नहाने यहां
उसके सिंदूर को मां अमर कीजिए
तेरे दर पे ये दामन पसारे हुए
माता झोली हमारी ये भर कीजिए।