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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Fantasy Others

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बेज़ुबानशायर 143

Abstract Fantasy Others

मां का आगमन

मां का आगमन

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तेरे दर पे ये दामन पसारे हुए 

माता झोली हमारी ये भर दीजिए

सिंह सवारी है मां छव न्यारी है 

तेरी पूजा के लिए पुजारी है मां


दाएं भोला ये आसन लगाते हुए 

दाएं बजरंग की झांकी सजा दीजिए

सिंधु सागर जहां नर-नारी आते 

वहां ऐसा रमडी की ओर देखा कहां    


जो भी अब लाये आये नहाने यहां 

उसके सिंदूर को मां अमर कीजिए

तेरे दर पे ये दामन पसारे हुए 

माता झोली हमारी ये भर कीजिए। 


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