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Kunda Shamkuwar

Tragedy Abstract Others

4.8  

Kunda Shamkuwar

Tragedy Abstract Others

सॉरी टू बॉदर यू

सॉरी टू बॉदर यू

3 mins
585


कल पड़ोस में एक घर में जाना हुआ। नये पड़ोसी थे। ट्रांसफर होकर आए थे। नयी पहचान थी तो बात बात में पता चला कि साहब किसी सरकारी ऑफिस में बड़े  अफसर है और पत्नी हाउस वाइफ है और दो छोटे छोटे बच्चे है। मुझे लगा की छोटा परिवार - सुखी परिवार वाला नारा शायद इस परिवार को देखकर गढ़ा गया होगा।

थोड़ी ही देर में उनकी पत्नी चाय लेकर आयी। सब को चाय सर्व करने लगी।अचानक बच्चें के धक्का लगने से चाय छलक गयी। पति महोदय एकदम से उनपर चिल्ला उठे," स्टुपिड ! कैसे काम करती हो?"उनकी पत्नी, घर की मालकिन जो थोड़ी ही देर पहले अपने इंट्रोडक्शन में पोस्ट ग्रेजुएट की पढ़ाई का जिक्र कर चुकी थी एकदम हक्कीबक्की रह गयी। क्योंकि हम उनके घर में पहले बार मेहमान बन कर गये थे।उन्होंने एक प्यारी सी फैमिली की जो पिक्चर पेंट की थी वह उस स्टुपिड वाले लफ़्ज़ से टूटकर चकनाचूर हो गयी थी। वह हमसे बिना नज़रें मिलाए चाय और नमकीन सर्व करने लगी।

हम सब चाय पीने लगे। अफसर महोदय ने फिर से बातचीत का कंट्रोल अपने हाथ मे लेकर ऑफिस के काम और अपने 'पावर' के बारे में बातें करने लगे।

चाय खत्म हो गयी लेकिन हमारी बातें खत्म होने का नाम नहीं ले रही थी।अचानक 'मेजबान पति' का ध्यान सेंटर टेबल पर रखे हुए चाय के उन खाली पड़े कपों की तरफ़ गया। अपनी पत्नी की तरफ़ मुख़ातिब होते हुए कहा, "कितनी स्टुपिड हो तुम ! इतनी देर से यह चाय के खाली कप मेहमानों के सामने पड़े है।जल्दी उठाओं इन्हें।" पत्नी झट चाय के कप उठाने लगी। इस बार उनके चेहरे पर वह हक्केबक्के वाले भाव नही थे। मेरी बिटवीन द लाइन्स पढ़नेवाली आदत ने समझ लिया कि 'स्टुपिड' वर्ड इनके यहाँ कॉमनली यूज़ किया जाता होगा।

"देर हो गयी है.…" कहते हुए हम भी उठने लगे।मैंने प्लास्टिक बैग में से एक सुंदर सा पौधा निकाला और मेजबान पति को देते हुए कहा, "आपको हमारे घर की लास्ट विजिट में यह प्लांट अच्छा लगा था। उस समय आपने मुझसे माँगा था।"

मुझसे "सॉरी टू बॉदर यू" कहते हुए उन्होंने उस प्लांट को पत्नी को दिया। फिर कहने लगे,"आप तो बहुत बिजी होती है। एक वर्किंग वुमन होते हुए भी आपने घर और ऑफिस को बहुत अच्छे से 'मैनेज' किया है। पिछले बार मैं आपके घर आया था तो देखा है।"

मेरे चेहरे पर आयी मुस्कुराहट से मैंने अपने अंदर के जज़्बातों छिपा लिया जो आज फिर से मुझे एक चेहरे में दो 'फेस' नज़र आने के बाद आये। एक वह जो अपने घर मे पत्नी को बात बेबात में स्टुपिड कहने वाला और दूसरा वह जो सोशल सर्किल में दूसरी महिला को बात बात में सॉरी, थैंक्स, ग्रेट और सॉरी टू बॉदर यू जैसे लफ़्ज़ों से नवाज़ने वाला......

मेरे लिए यह कोई नया अनुभव नही है ।ऑफिस और अपने सोशल सर्किल में मूव करते हुए मैं न जाने कितने सारे इन 'डूअल फेस' वाले चेहरों से मिलती रहती हुँ.....



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