ब निधि बिल्कुल ठीक हो चुकी थी वह पहले से बेहतर महसूस कर रही थी। ब निधि बिल्कुल ठीक हो चुकी थी वह पहले से बेहतर महसूस कर रही थी।
किसी के मुख से सुना कि "लेखक जो होते हैं वो प्रशंसा के भूखे होते हैं ।" किसी के मुख से सुना कि "लेखक जो होते हैं वो प्रशंसा के भूखे होते हैं ।"
खुद भूखे रहकर भी उसके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव थे। खुद भूखे रहकर भी उसके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव थे।
मैं अपने उदास मन के साथ उस गिफ्ट को खोलने लगी। मैं अपने उदास मन के साथ उस गिफ्ट को खोलने लगी।
शक्तिमान और रामानुजम ने दो तीन बार उस कुंए की रेकी कर ली थी । शक्तिमान और रामानुजम ने दो तीन बार उस कुंए की रेकी कर ली थी ।
मैं जब कभी बच्चों संग बाहर जाऊं तो मम्मी और पापा को भंडारे से खाने को मिल सके । ‘ मैं जब कभी बच्चों संग बाहर जाऊं तो मम्मी और पापा को भंडारे से खाने को मिल सके । ...