जीवन के सुख
जीवन के सुख
राकेश एक छोटे से गांव में रहने वाला था लेकिन पढ़ाई में बहुत होशियार होने के कारण उसने शहर से पढ़ाई करकेवहां पर एक छोटी सी नौकरी करने लगा ।एक दिन अचानक इसके ऑफिस के मालिक जय प्रसाद जी ने उसे बुलाया और उसे अपनी बेटी निधि के बारे में बताया निधि एक बहुत ही ज्यादा जिद्दी और घमंडी लड़की थी वह किसी की भी कोई बात नहीं मानती थी उसे सारा दिन अपने दोस्तों के साथ रहना ही पसंद था
जया प्रसाद जी ने राकेश एक छोटी सी मदद मांगी क्योंकि वह राकेश को बहुत पसंद करते थे और उस पर विश्वास भी करते थे क्योंकि आज तक उसने अपना सारा काम बहुत ही ज्यादा इमानदारी से किया था।उन्होंने अपनी सारी प्रॉपर्टी राकेश के नाम कर दी और अपनी बेटी निधि की शादी राकेश के साथ तय कर दी लेकिन निधि इस शादी के खिलाफ थी क्योंकि वह राकेश को पसंद नहीं करती थी।परंतु प्रॉपर्टी के लिए उसे राकेश से शादी करने के लिए मानना ही पड़ा थोड़े ही दिनों में जय प्रसाद जी ने उन दोनों की शादी करवा दी शादी के पहले दिन ही निधि ने राकेश को खुद से दूर रहने के लिए कहा क्योंकि वह एक बार प्रोपर्टी नाम होने के बाद तलाक लेने वाली थी। राकेश ने भी खुद को उससे दूर रखा उसने निधि को अपने बेड पर सोने के लिए कहा और वह जाकर सोफे पर सो गया.
अगले दिन जब निधि के यहां खुली तो उसने देखा कि राकेश हाथ में कॉफी का कप लिए खड़ा था उसने निधि को गुड मॉर्निंग कहा लेकिन निधि ने कोई जवाब नहीं दिया और खड़ी होकर बाथरूम चली गई नहा कर आने के बाद उसने कॉफी पी और तैयार होकर घर से बाहर चली गईराकेश भी नहा कर अपने ऑफिस चला गयानिधि को उस घर में कोई रोक-टोक नहीं थी जैसा उसका मन करता है वह वैसा ही करती थी।राकेश उसकी हर जरूरत का ख्याल रखता था लेकिन पैसे की तंगी होने के कारणों से वह महलों वाले ऐसो राम नहीं दे सकता था इसी तरह शादी के 11 दिन बीत गए और निधि एक दिन अपने दोस्तों के साथ फिल्म देखने गई थी लेकिन रास्ते में बारिश होने के कारण बुरी तरह भीग चुकी थी और उसे बुखार आ गया था राकेश ने 4 दिनों तक उसका बहुत ख्याल रखा।
अब निधि बिल्कुल ठीक हो चुकी थी वह पहले से बेहतर महसूस कर रही थी डॉक्टर के कहने पर राकेश उसे घुमाने के लिए बाहर ले गया वह दोनों नैनीताल पहाड़ों की सैर करने निकले थे।वह दोनों जा रहे थे कि अचानक निधि के हाथ में बंधी हुई घड़ी नीचे पानी के किनारे जा गिरी उसके गिरते ही निधि रोने लगी क्योंकि वह घड़ी उसकी स्वर्गवास मां ने दी थीराकेश उस घड़ी को लाने के लिए नदी में छलांग लगा गया और उस घड़ी को बड़ी मुश्किल से वापस ले आयालेकिन नदी का पानी ठंडा होने के कारण राकेश को न्यूमोनिया हो गया.निधि ने राकेश का पुरा ख्याल रखा और राकेश जल्दी ही ठीक होने लगा । इसी बीच निधि को राकेश से प्यार हो गया। लेकिन वह राकेश को कुछ बता नहीं सकी।थोड़े दिनों में ही निधि का जन्म दिन आ गया राकेश ने निधि की सारी प्रोपर्टी निधि के नाम कर दी।
राकेश चाहता था कि निधि कल से आजाद है इस लिए वह अपने जन्मदिन की पार्टी किसी बड़े होटल में करें लेकिन निधि ने अपना जन्मदिन राकेश के घर पर ही मनाया।जब राकेश ने निधि को उसकी प्रोपर्टी के पेपर देने चाहे तोनिधि ने इनकार कर दिया और कहा मुझे पैसे नहीं बल्कि आप चहिए। क्योंकि पैसे से नहीं प्यार से जीवन का सुख मिलता है।