आजकल न जाने हमारी कोई भी बात इसी तरह शुरू होकर एक अनप्लीजेंट नोट पर ख़त्म हो जाती है। आजकल न जाने हमारी कोई भी बात इसी तरह शुरू होकर एक अनप्लीजेंट नोट पर ख़त्म हो जाती...
अब जब बुढापे में वास्तव में सहारे की ज़रूरत हुई तब प्रसादी बेसहारा हो गया। अब जब बुढापे में वास्तव में सहारे की ज़रूरत हुई तब प्रसादी बेसहारा हो गया।
हमारे रिश्तों में ताल्लुक़ बेहद अजीब तरह से रियेक्ट करते हैं। हमारे रिश्तों में ताल्लुक़ बेहद अजीब तरह से रियेक्ट करते हैं।
छोटी-सी ज़िन्दगी की अहमियत को समझिये और मुस्कुराकर हर परीक्षा को दीजिये। सफलता और असफलता हमारे हाथ नह... छोटी-सी ज़िन्दगी की अहमियत को समझिये और मुस्कुराकर हर परीक्षा को दीजिये। सफलता और...
यह भावनाओं की कहानी है। यह भावनाओं की कहानी है।
बेटा, ये नौकरी करने वाली औरतें होती है ना,वे किसी काम की नही होती हैं। बेटा, ये नौकरी करने वाली औरतें होती है ना,वे किसी काम की नही होती हैं।