Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Sarita Kumar

Romance

3  

Sarita Kumar

Romance

हसिऩ वादियां

हसिऩ वादियां

2 mins
217


यूं तो हम हर साल किसी न किसी हसीन वादियों में चले जाते हैं सुकून के कुछ पल नितांत अकेले बीताने के लिए और अपनी जिंदगी का सबसे सुखद घटना को पुनरावृत्ति के लिए। हां मेरे जीवन की सबसे सुखद घटना हुई थी 1992 अप्रैल 24 को जब मैं ब्रह्मांड के सबसे श्रेष्ठ बंधन में बंधी थी एक अजनबी के साथ...... उन्हें देखा नहीं था मगर सात जन्मो तक साथ रहने का वचन दे दिया था ....। बड़ा ही खूबसूरत दुर्घटना घटी थी लग्न मंडप पर बैठकर नींद में ही वचन लिया और दिया था और दर्शन तो शादी के तीसरे दिन किया था। वो जो धुंधली सी यादें हैं न उसे ही तरोताजा करने हर साल बड़े फुर्सत में वक्त निकालते हैं । कभी मसूरी, नैनीताल, देहरादून , ऋषिकेश , दार्जिलिंग , जयपुर , उदयपुर , जम्मू-कश्मीर , गोहाटी, आसाम , शिमला , शिलांग , सिक्किम , गैंगटॉक हम घूमते रहे। होली दीवाली में भले ही ना मिलें लेकिन मैरिज एनिवर्सरी में हम जरूर किसी खास जगह पर जाते रहें हैं । मगर सबसे ताज़ा है वायनाड , ऊटी और मैसूर का ट्रिप । यूं ही जंगलों में हम घूमते रहें । दिन भर फूल पेड़ पौधों से मुलाकात होती रही है और रात में हाथी , हिरण , बारहसिंगा और ऐसे ही कुछ भंयकर जानवरों को देखा हमने कुछ फोटोज़ और विडियो भी बनाया था । उन खूबसूरत वादियों का रोमांचक अनुभव हमें अभी भी रोमांचित करती है । हम अपने रिसॉर्ट में ही बैठें बैठें आनंदित होते रहे । सुबह सुबह तरह-तरह की रंग बिरंगी चिड़ियों की चहचहाहट और फूलों से भरी हुए पेड़ पौधे भीनी-भीनी खुशबू और एकांत ........ ऐसे में हम दिन दुनिया से बेखबर अपने अतीत के सुनहरे यादों में खो जाते थे ......। हालांकि इस ट्रिप में हम दोनों अकेले नहीं थे बल्कि पूरा परिवार साथ था ग्यारह साल बाद तह शुभ अवसर मिला जब हम पति-पत्नी बेटी दामाद और नातिन के साथ एक फैमिली ट्रिप पर निकले थे। एक बहुत अच्छा संयोग हुआ कि हम अप्रैल का इंतजार नहीं किए और 11 मार्च को ही चल पड़े थे और 17 मार्च को लौट आए थे उसके बाद 24 मार्च से जो लॉकडाउन हुआ सो एक साल बाद भी स्थिति बेहतर नहीं हुई है। 

अकेले अकेले तो बहुत बार घूमने निकले थे लेकिन परिवार के साथ जो आनंद मिला जो सुख चैन और सुकून मिला वो अविस्मरणीय है। हम उस वक्त भी दो पल अपने लिए चुरा ही लेते थे । ऐसे ही एक लम्हे को बच्चों ने कैद कर लिया था जब हम दोनों रिसॉर्ट से बाहर छुप कर गपशप कर रहें थें ।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance