Sarita Kumar

Romance

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Sarita Kumar

Romance

पहला प्यार रजत

पहला प्यार रजत

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निंजा आज बहुत गंभीर विषय की ट्रेनिंग में थी कुछ उलझी हुई सी थी और बार बार उसके मोबाइल पर मैसेज आ रहा था। बाकी लोग भी डिस्टर्ब हो रहे थे इसलिए उसने मोबाइल बंद कर दिया। जब क्लास खत्म हुई तो वो सीधे बस स्टॉप की तरफ चल पड़ी उसे घर पहुंच कर मॉम को देखना होता है । मॉम का ख्याल आते ही उसने मोबाइल आन किया उसे अपना लोकेशन भेजना होता है । आन करते ही देखा लिना का मैसेज था रजत हॉस्पिटल में एडमिट है आज उसकी सर्जरी है लेकिन कोई नहीं है उसके पास। बस यूं ही जानकारी दी है मेरी कोई राय नहीं है। अपन क्लास टू से बेस्ट फ्रेंड हैं तो हर किसी की खबर हर किसी को होनी चाहिए बस इसीलिए बताया है। एक बार तो चक्कर ही आ गया, रजत हट्टा कट्टा जवान उसे अचानक क्या हो सकता है ? लेकिन दूसरे पल ही ख्याल आया कुछ भी हो मुझे क्या ? उसने काफी दिनों से मुझे ब्लाक कर रखा है और दूसरी फ्रेंड ढूंढ ली है उसे ही वहां पहुंचना चाहिए मैं क्यों ? और फिर मॉम मेरा इंतजार कर रही होंगी मुझे तो घर ही जाना चाहिए। तेज़ क़दमों से चलकर बस में चढ़ गई सबसे पहले टिकट ली फिर सीट भी मिल गई बैठ कर उसने मॉम को कॉल किया। मॉम ने तुरंत लिया और कहा सॉरी बेटा हम गुड़गांव आ गए हैं और चाबी रखना भूल गए इसलिए तुम एक दो घंटे के लिए भाभी के पास रूक जाना या ब्यूटीपार्लर में बोर हो लेना। प्लीज़ बेटा गुस्सा मत होना।

इट्स ओके मॉम, मैं दो तीन घंटे बाद ही घर आऊंगी और गुस्सा बिल्कुल भी नहीं हूं बल्कि इस बात के लिए तो थैंक्यू बोलूंगी रखती हूं मॉम। निंजा ने बड़ी राहत की सांस ली अगले स्टॉप पर उतर गई और आर्मी हॉस्पिटल की तरफ चल पड़ी उसने टैक्सी रोकी और जल्दी से बैठ गई। उसे ऐसा लगा जैसे मॉम की स्वीकृति और मौन अनुमति मिल गई है इसलिए अब निश्चिंत होकर जा रही थी। गेट पर कार्ड दिखाया टैक्सी को इजाज़त मिली और सीधा आंकोलॉजी डिपार्टमेंट में पहुंची। निंजा की हड़बड़ी और घबराहट स्पष्ट झलक रही थी चुकी वो अपने ड्रेस में भी तो कुछ उसका गुमान भी दमक रहा था दौड़ती भागती हुई वार्ड में पहुंची। रजत को देखा शायद तीन चार साल बाद देख रही थी। सांवला सलोना रजत कुछ काला पीला सा हो गया था उसके ट्यूमर की सर्जरी होनी है। निंजा उसके पास जाकर माथा छूआ उसने आंखें मूंद ली और पिघल कर अपना इश्क बहाने लगा। .... निंजा ने कहा बिल्कुल चुप तुझे कुछ नहीं होने दूंगी, बहुत सारी बातों के लिए मुझे लड़ना झगड़ना है। बहुत से बातों का बहुत से सालों का और बहुत से अपने लावारिस आंसुओं का हिसाब चुकता करना है। तुझे जाने नहीं दूंगी, आराम से आ कटवा पिटवा कर मैं यहीं बैठी हूं तब तक।  

मुकर्रर समय पर रजत को ओटी में ले गए।

रजत की सर्जरी चल रही है।  निंजा बाहर बैठकर उसके लिए प्रार्थना कर रही है। यूं तो कुछ साल पहले ही उसने अपनी तरफ से इस रिश्ते को खत्म कर दिया था निंजा को ब्लॉक करके मगर निंजा ने उसे रहने दिया था। बातचीत नहीं हो रही थी मगर हाले ख़बर मिलता रहा। ईश्वर उसे स्वस्थ्य कर दें कम से कम एक मुलाकात करके पूछा तो जाए कि उसने क्यों ब्लाक किया था ? निंजा को ढ़ेरों मंत्र याद हो गए थे मां के साथ साथ हर रोज पूजा करते करते सो उसने सभी देवी देवताओं के मंत्रों का जाप करना शुरू कर दिया। मॉम को मैसेज कर दिया था कि रजत को देखने हॉस्पिटल में आई है। करीब साढ़े तीन घंटे बाद रजत ओटी से बाहर आया लेकिन आई सी यू में शिफ्ट कर दिया गया उसे होश नहीं आया था। थोड़ी देर बाद नर्स ने आकर कहा था निंजा से "आप मिल सकती हो देख लो मिस्टर रजत को आपको तसल्ली हो जाएगी, आप काफी परेशान लग रही हैं। " निंजा उठकर आई सी यू में जाकर देखा रजत का चेहरा पीला पड़ चुका था गले की सर्जरी हुई थी काफी खून बहा होगा। रजत के लिए जरा फिक्र होने लगी उसने उसने उसके हाथ पर अपना हाथ रख कर चले आना चाहती थी मगर रजत को होश आने लगा था उसने निंजा के हाथ को जोर से पकड़ लिया और धीरे धीरे कुछ बुदबुदाने लगा था। बात समझ में नहीं आई मगर यह तसल्ली हो गई कि रजत ठीक है।  

निंजा को अच्छा लगा, आखिर रजत उसका पहला प्यार जो था। बीच में कुछ दूरियां आ गई थी मगर फिर भी पहला प्यार तो खास होता ही। ईश्वर ने एक मौका दिया है अपने पहले प्यार को फिर से पाने का तो गंवाना ठीक नहीं होगा यही सोचकर निंजा बैठी रही। रजत को होश आ गया उसने आंखें खोली और बहुत खुश हुआ शायद उसे उम्मीद नहीं थी कि निंजा अभी तक बैठी होगी। निंजा ने उससे फिर मिलने का वादा किया कुछ देर आंखों में आंखें डालकर देखते रहें और फिर बाय बोलकर चल पड़ी।  

बस में बैठकर मॉम को मैसेज किया और खिड़की से बाहर देखने लगी उसे याद आया पहली बार उसे डांट पड़ी थी और क्लास में सजा मिली थी इसी रजत के लिए और भाई ने पहली बार किसी को डांटा धमकाया था तो वो भी इसी रजत को क्योंकि हर शाम हमारे घर का चक्कर लगाया करता था. पार्क में भी पहुंच जाता था और उस दिन ताज महोत्सव में तो हद ही कर दी थी तब पहली बार भाई का गुस्सा देखा था उसने दे दनादन चार पांच हाथ लगा दिया था और कहा था कि "याद रखना मेरी बहन का पिछा किया तो तुम्हारी बहन रक्षाबंधन के दिन तड़प तड़प कर रोएगी अपने भाई के लिए इसलिए जिंदा रहो अपनी बहन के हाथों से राखी बंधवाने के लिए". रजत बहुत डर गया और सॉरी भैया, सॉरी भैया बोलकर चला गया। हम पूरे ग्रुप में थे इसलिए रूके रहें ढ़ेर सारी खरीददारी की खाएं पीएं और जब चलने को हुए तो कर्ण भैया ने कहा रूक रूक देखो तो रजत किसके साथ फोटो खिंचवा रहा है ? हम सभी ने एक साथ देखा तो वो नेहा के साथ कमर में हाथ डालें और कभी कंधे पर हाथ रखकर दो तीन तस्वीरें खिंचवाई। जब उसने तस्वीरें खिंचवा ली तब कर्ण, अर्जुन और शिव शंकर भैया झपट पड़े उस पर कि तू जब निंजा का दोस्त है तब नेहा के साथ क्यों ?

सबने इतना मारा इतना मारा की पुलिस आ गई मगर डी आई जी का बेटा और एस पी का भतीजा देखकर वो लोग समझा बुझाकर कर चले गए वरना हमारे पांचों भाईयों ने तो उसी दिन कीमा बना दिया होता। निंजा सोचने लगी रजत ने कितना जुल्म सहा है मेरी वजह से ? एक भाई इसलिए मारा की वो मेरे पीछे पड़ा था मेरे घर का चक्कर लगाता था और बाकी तीन चार भाइयों ने इसलिए मारा कि वो दूसरी लड़की के साथ फोटो खिंचवा रहा था। बेचारा क्या करें किसी न किसी से तो दोस्ती करेगा न ? मगर अपने भाईयों से कुछ बोल नहीं सकती थी इसलिए दूरी बनाए रखी मगर सर्जरी की बात सुनकर वर्षों पुराना प्यार जाग गया और खुद को रोक नहीं पाई। रजत के ठीक होने का बेसब्री से इंतजार रहेगा। फिर ढ़ेर सारी बातें किया करूंगी। ख्यालों में इस तरह खोई रही की उसे पता ही नहीं चला कि बस खड़ी है और सब लोग उतर चुके हैं वो अकेली बैठी हुई थी। हड़बड़ा कर उठी और नीचे उतरी। उसने फिर से शुरू कर दिया रजत के साथ सपने देखना शायद यह ईश्वर का इशारा है और मां की स्वीकृति।


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