Sarita Kumar

Romance

4  

Sarita Kumar

Romance

पहला प्यार

पहला प्यार

2 mins
417



उसके प्रेम को मिला था , प्रेम का प्रतिदान । स्वीकृति और प्रस्तावना ...

पांव जमीन पर नहीं पड़ें थें । मन भरने लगा था बहुत ऊंची उड़ान । बनाया था उसने चांद पर मकान ।

आया था उन्हीं का प्रस्तावना ... 

जिन पर हुआ था दिल दीवाना 

अंधे को और क्या चाहिए होता है ? 

बस एक जोड़ी आंख ... 

मिला था उसे उसका पसंदीदा ज़हान

पूरी जमीन और पूरा आसमान । वह बड़े जश्न का दिवस था । न रोज़ डे , न प्रपोज डे , न टैडी डे और ना ही कोई किस विश डे था । वह उसके जीवन का स्वर्णिम दिन था , नूरी रात थी , जज्बातों का सैलाब था , खुशियों की बरसात थी ..... बेहद बेइंतहा और बेहिसाब खुशियों का खजाना मिला था उसे । 

और फिर दूसरे ही पल लेना पड़ फैसला और लड़ना पड़ा था एक युद्ध अपनी ही खुशियों के विरुद्ध ... 

परिवार , समाज , कायदे कानून और लोक लाज ...। पांव में पड गए मर्यादाओं की बेड़ियां 

होंठ सील गए धर्म की मौली से 

अरमान ठंडे हो गए बाहर की तपिश से । दफ़न हो गया प्रेम दिल के कंदराओं में । पहली मोहब्बत का उठता हुआ गुमान , पल भर में चकनाचूर हो गया , सपनों का वह महल । बड़े जतन से सजाया था दोनों ने , बरसों का प्रेम जब आकार लेकर साकार होने को था तभी बज्रपात हो गया । दो दिलों का प्रेम किसी दर्दनाक किस्सा और कहानी का हिस्सा बन गया । 

नहीं हुआ उसका प्रेम जिसकी वो हो चुकी थी ...। 

मगर नहीं रोक सका कोई उसे उसके प्रेम से प्रेम करने को । करती रही ताउम्र उन्हीं से प्रेम । एक दिन जब आंखें धुंधलाने लगी , पांव लड़खड़ाने लगे , हाथों से चाय का कप छुटने लगा , सांसों की लड़ियां टूटने लगी उसने तिजोरी खोलकर निकालें वो तमाम ख़त और लगाकर सीने में वो खतों का पुलिंदा गंगा में समाहित हो गई । प्रेम की प्रेम , प्रेम को लेकर अमर हो गई । पहला प्यार भुलाया नहीं जा सकता जीवन के अंतिम पलों तक उसका आकर्षण उसके प्रति आसक्ति यथावत रहती है ।


Rate this content
Log in

Similar hindi story from Romance