लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास लेखक : राजगुरू द. आगरकर अनुवाद : आ. चारुमति रामदास
दिन भर फूल पेड़ पौधों से मुलाकात होती रही है दिन भर फूल पेड़ पौधों से मुलाकात होती रही है
मम्मी जी ने कुछ ही मिनट के अंतराल में मेरी दो बिलकुल ही विपरीत भाव-भंगिमाएं देखीं थीं मम्मी जी ने कुछ ही मिनट के अंतराल में मेरी दो बिलकुल ही विपरीत भाव-भंगिमाएं देखी...