Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Minni Mishra

Drama Inspirational

1.7  

Minni Mishra

Drama Inspirational

नई उड़ान

नई उड़ान

2 mins
480


“कमला, आज बड़े दिनों बाद स्वाद से खाना खायी हूँ ...सच,माँ की याद आ गई.” शांति बेसिन में हाथ धोते हुए बोली


“ऐसी बात है, फिर तो, तू सन्डे को मेरे घर आ जाया कर। दोनों मिलकर अच्छी-अच्छी बाते भी किया करेंगे और साथ में खाने का मजा भी लेंगे। ”

“बात तो पते की है, पर क्या करें! एक ही दिन तो बचता है, हफ्ता में..ऑफिस जाने-आने में कैसे छः दिन बीत जाता है ,पता ही नहीं चलता !"

खैर..छोड़, एक बात बता.. जो तुम्हारे यहाँ खाना बनाती है..वो कितने पैसे लेती है, सच, बहुत टेस्टी खाना बनाती है। उसे मेरे घर भी भेज दिया कर, तू जितना बोलेगी, उतना मैं पगार दे दिया करूंगी। ”


“हाँ....पर...वो...कमला की आवाज, अचानक, किचेन से आती बूढी पर नजर पड़ते ही अटक गई। ”


“बेटी..अब मुझसे ज्यादा जगह काम नहीं हो पाता..बस, यहीं कर लेती हूँ..वही ठीक है। यहाँ अपनापन लगता है। एक बूढी, विधवा को जीने के लिए,पेट से अधिक और क्या चाहिए !!”


पानी भरा जग मेज पर रखते हुए बूढी बोली “कोई बात नहीं.. आप मेरी सखी के घर को ही अच्छे से संभालो ...मुझे दूसरी मिल जायेगी। ” शांति झट से बात को वहीं खत्म कर दी , ताकि बात किसी को बुरा नहीं लगे ।


“कमला, अब मैं जाना चाहती हूँ...घर पहुँचते-पहुँचते शाम हो जायेगी। ”


“ शांति, आज यहीं रुक जा...”


“ नहीं कमला, जाना बहुत जरूरी है, मेरी सास की तबियत खराब चल रही है। वो, दावा मेरे ही हाथ से खाती है। बोलती है, “बहू.. मैं तुम्हारे हाथ से ही दवा खाऊँगी...तू दवा बहुत आराम से और प्यार से खिलाती हो। ”


“अरे...ये क्या? कमला, उसे देखो, लगता है.. वो रो रही है !”


“क्या हुआ...मैंने आपको तो कुछ नहीं बोला। ” शांति, बूढी औरत के पास जाकर बोली ।


“ बेटी, नहीं, आँसू का क्या भरोसा, कब टपक जाय... ऐसे ही...कुछ याद आ गया। ”


“अरे.. खड़ी होकर, यहाँ नौटंकी क्यों करती हो..जा.. किचेन का काम जल्दी से निपट। बहुत काम पड़ा है ।” कमला, बूढी औरत पर बरस पड़ी ।


“हाँ..ब..ह...उ...|” शब्द, कान में पड़ते ही...शांति का मुँह खुला का खुला ही रह गया।


“ये क्या... कमला ? तुम्हारी सास है... और तुम मुझे ...? तुझे,अब दोस्त कहने में, शर्म आ रही है। ”


कमला का सिर आचानक से निचे झुक गया । फौरन...जबरदस्ती, वो कमला की सास को अपनी कार में बैठाकर , बोली . ”चलो, माँ जी मेरे साथ । वहां आपको बहु के अलावा एक बहन भी बात करने को मिल जायेगी | "


शांति चल पड़ी । कमला की सास का चेहरा और तलहथी, कार की खिड़की के शीशा से चिपका, बाहर से साफ-साफ दिख रहा था....”


नई उड़ान ने अपनी गति पकड़ ली ।



Rate this content
Log in

Similar hindi story from Drama