अपने प्यार की उमंग को आज भी वैसा ही बनाए रखा है बिना किसी बंधन के। अपने प्यार की उमंग को आज भी वैसा ही बनाए रखा है बिना किसी बंधन के।
जो मैंने सीखा जो मैने पाया, वो दोनो ही मेरे लिए अनमोल रहे। जो मैंने सीखा जो मैने पाया, वो दोनो ही मेरे लिए अनमोल रहे।
हफ्ता वसूली भाग 10 हफ्ता वसूली भाग 10
बार का माहौल ही एकदम से बदल जाता है सभी हंसी मजाक करने लगते हैं।! बार का माहौल ही एकदम से बदल जाता है सभी हंसी मजाक करने लगते हैं।!
तभी शायद किसी को पता नहीं था कि... किस्मत ने उसकी झोली में क्या रखने का सोचा था... तभी शायद किसी को पता नहीं था कि... किस्मत ने उसकी झोली में क्या रखने का सोचा था....
क्या आपके पतिदेव को भी आपके जूड़े से परेशानी होती है ? क्या आपके पतिदेव को भी आपके जूड़े से परेशानी होती है ?
दामिनी चिया को गोद में लेकर आई और उसके लिए दूध गर्म करने लगी। दामिनी चिया को गोद में लेकर आई और उसके लिए दूध गर्म करने लगी।
काव्या ने समय रहते अपनी सास के रूप में छुपी मां को पहचान लिया था और उसकी गृहस्थी संभल ग काव्या ने समय रहते अपनी सास के रूप में छुपी मां को पहचान लिया था और उसकी गृहस्थी...
सास को बहू में अपनी बेटी नज़र आ रही थी.... और बहू को सास में माँ। सास को बहू में अपनी बेटी नज़र आ रही थी.... और बहू को सास में माँ।
इस तरह गौरी अपनी हिम्मत और लगन से जीवन की कठिन परिस्थिति से बहार निकल जाती है। इस तरह गौरी अपनी हिम्मत और लगन से जीवन की कठिन परिस्थिति से बहार निकल जाती है।
"इब सारी उमीर ऊ और रमुआ थोड़े काम करते रहेंगे...? अभैं हम कौन सा बुढ़ा गईलीं !" "इब सारी उमीर ऊ और रमुआ थोड़े काम करते रहेंगे...? अभैं हम कौन सा बुढ़ा गईलीं !"
अब घर में जिस किसीको भी कोई बात कहनी होती सब मूंह पर ही कहते और खुलकर रहते। अब घर में जिस किसीको भी कोई बात कहनी होती सब मूंह पर ही कहते और खुलकर रहते।
सच... रंग रूप से ज़्यादा स्वाभाव का मेल ज़रूरी है। सच... रंग रूप से ज़्यादा स्वाभाव का मेल ज़रूरी है।
उसने अपनी पहली उड़ान भर ली थी। उसने अपनी पहली उड़ान भर ली थी।
परंतु कई बार बच्चों को उनकी माताएं रोक देती हैं निसंतान औरत के पास जाने से, कहां तक उच परंतु कई बार बच्चों को उनकी माताएं रोक देती हैं निसंतान औरत के पास जाने से, कहां...
मेरे सभी ९० के दशक में जन्मे साथियों को और उनकी यादों को समर्पित मेरी कविता मई का महीना। मेरे सभी ९० के दशक में जन्मे साथियों को और उनकी यादों को समर्पित मेरी कविता मई क...
उसके घरवालों को भी पता ही होगा कि राघव एक गे है। तो फिर....उसने नलिनी से शादी क्यों क उसके घरवालों को भी पता ही होगा कि राघव एक गे है। तो फिर....उसने नलिनी से शाद...
अब जिंदगी बदल गई थी...!माँ जो वापिस आ गई थीं। अब जिंदगी बदल गई थी...!माँ जो वापिस आ गई थीं।
शादी के पहले जितना पैसा भी वह खुद पर खर्च करती थी , शादी के बाद उतना भी नहीं कर पाती थी शादी के पहले जितना पैसा भी वह खुद पर खर्च करती थी , शादी के बाद उतना भी नहीं कर ...
नहीं तो हो सकता है अपने जीवन की लीला समाप्त हो जाए। नहीं तो हो सकता है अपने जीवन की लीला समाप्त हो जाए।