गौरांग पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रहा है और खेलकूद में सबसे आगे रहा है। गौरांग पढ़ाई में भी हमेशा अव्वल रहा है और खेलकूद में सबसे आगे रहा है।
पाटिल: मिस्टर अमृत, समीर से आपके संबंध कैसे थे? पाटिल: मिस्टर अमृत, समीर से आपके संबंध कैसे थे?
उनका अपना अकेलापन, प्यार और दया की उनकी अपनी लालसा। उनका अपना अकेलापन, प्यार और दया की उनकी अपनी लालसा।
समस्याओं का सामना करें तो वो छोटी हो जाती हैं और डर जाने से बड़ी हो जाती है। समस्याओं का सामना करें तो वो छोटी हो जाती हैं और डर जाने से बड़ी हो जाती है।
कभी कभी बड़ा भाई छोटे भाई को कूट देता था ....... कभी कभी बड़ा भाई छोटे भाई को कूट देता था .......
जब ये खुशखबरी परिवारवालों को सुनाई तो आनंद की सीमा न रहीं जब ये खुशखबरी परिवारवालों को सुनाई तो आनंद की सीमा न रहीं
अब तुम मेरी सुनो अब उस डायन पर मेरे प्यार का साया होगा अब तुम मेरी सुनो अब उस डायन पर मेरे प्यार का साया होगा
हमने देखी है उन आँखों की महकती ख़ुशबू प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम ना दो… हमने देखी है उन आँखों की महकती ख़ुशबू प्यार को प्यार ही रहने दो कोई नाम ना दो…
अब आप बताइए, हम लोगों को आगे क्या करना है? हमें तो घर के किसी सदस्य पर संदेह नहीं हो रह अब आप बताइए, हम लोगों को आगे क्या करना है? हमें तो घर के किसी सदस्य पर संदेह नही...
आखिर उसने अपनी समस्या सुलझा ही ली थी। आखिर उसने अपनी समस्या सुलझा ही ली थी।
जैसे-जैसे समय बीतता गया, उनका प्यार और मजबूत होता गया जैसे-जैसे समय बीतता गया, उनका प्यार और मजबूत होता गया
सुरभि यह सब सुनकर रोने लग जाती है सुरभि यह सब सुनकर रोने लग जाती है
मनोज जब भी वैशाली को देखता, उसके दिल में एक अजीब सी खुशी और बेचैनी भर जाती। मनोज जब भी वैशाली को देखता, उसके दिल में एक अजीब सी खुशी और बेचैनी भर जाती।
उसके बाद हम आपके बेटे को सकुशल उसके चंगुल से छुड़ा पाएंगे। उसके बाद हम आपके बेटे को सकुशल उसके चंगुल से छुड़ा पाएंगे।
लेकिन इस परिवार से तो सुख दुख आँख मिचौली खेलते ही रहते हैं। भविष्य में क्या होगा, अभी कुछ लेकिन इस परिवार से तो सुख दुख आँख मिचौली खेलते ही रहते हैं। भविष्य में क्या होगा...
बबलू, अब तू ही मुझे बता दे कि ये सब इतनी डरी हुई क्यों हैं? बबलू, अब तू ही मुझे बता दे कि ये सब इतनी डरी हुई क्यों हैं?
चल, अब जल्दी से नहा धोकर तैयार हो जाते हैं। फिर सबके साथ नाश्ता करना है। चल, अब जल्दी से नहा धोकर तैयार हो जाते हैं। फिर सबके साथ नाश्ता करना है।
शरन बिना देरी करें दिशा को मिलने गया। शरन बिना देरी करें दिशा को मिलने गया।
आमतौर पर उसे गुस्सा कम ही आता था आमतौर पर उसे गुस्सा कम ही आता था
उनका मन बहलाते हैं और अगर बहू-बेटा रहें तो उन्हें परेशान करते हैं। हवा की नब्ज टटोल कर उनका मन बहलाते हैं और अगर बहू-बेटा रहें तो उन्हें परेशान करते हैं। हवा की नब्ज ट...