I'm Mirza Hafiz and I love to read StoryMirror contents.
Share with friendsअच्छा यार, नमाज़ मे रब से मेरे लिये भी दुआ करना; मैं भी तेरे लिये दुआ करूंगा।
Submitted on 27 Jul, 2020 at 13:49 PM
अचानक सारा को लगा जैसे उसके कदमों पर मनो बोझ पड़ा हो। उसका वजूद थरथराने लगा है। यही है यही है वो। उसका तेजी से धड़कता दि...
Submitted on 16 Apr, 2019 at 10:02 AM
कहकशां, तुम्हारे बगैर मैंने कितने धक्के खाये। कितनी रुसवाइयों से दो चार हुआ। लोग मुझे हारा हुआ समझते हैं ....लेकिन मैं ह...
Submitted on 13 Apr, 2019 at 18:22 PM
सब के पास घर और काम नहीं होता,ऐसे लोगों को समाज अपना मानता भी तो नहीं
Submitted on 30 Nov, 2017 at 19:42 PM