लेखन की शुरूआत भर
Share with friendsफर्श पर पड़ी नाइटी पहनते हुआ मालती के होठों पर शरारती मुस्कान थी। धीरे से बुदबुदाई...अब
Submitted on 13 Aug, 2020 at 10:00 AM
सुकून से चुस्कियां लेने लगा। इंजन बदलते ही ट्रेन आगे चल दी।
Submitted on 01 Apr, 2020 at 16:14 PM
भारी कदमों से मैं घर जाने के लिए स्टेशन से बाहर निकल गया।
Submitted on 01 Apr, 2020 at 15:59 PM
मुंंह इतना खुल गया कि दबा पान और दांतों में फंसे पान के टुकड़े साफ नजर आ गए। बोलते समय मुंह पर पानी की बौछार सी महसूस हु...
Submitted on 20 Mar, 2020 at 16:30 PM
अब स्फूर्ति और ताज़गी से दमक रहे थे। ऐसा लगा, मानो चाय पीकर आए हों...!
Submitted on 16 Mar, 2020 at 16:10 PM
एक साथ कई तरह के भाव अलका के चेहरे पर आकर धमाचौकड़ी करने लगे। चिट्ठी हाथ में दबाए वह बहुत तेज़ी से दरवाज़े की और दौड़ी।
Submitted on 14 Mar, 2020 at 17:12 PM
! दूसरी औरत हमेशा पहली पत्नी और उसके बच्चों का जीवन बरबाद करने के बाद ही दूसरी पत्नी बनती है... !
Submitted on 14 Mar, 2020 at 16:15 PM