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Share with friendsआधुनिक किसान खर-पतवार को घंटों तक खुशी- खुशी जलाता रहा !
Submitted on 01 Feb, 2021 at 09:18 AM
आज, बाल सुधार गृह से मैं आजाद हो रही हूँ । क्योंकि, मैं अब बालिग हो गई।
Submitted on 13 Jan, 2021 at 18:35 PM
सही समय पर इलाज होने के कारण आप बचे , वरना नहीं बचा पाते ! सिवियर हर्ट-अटेक हुआ था आपको
Submitted on 04 Jan, 2021 at 11:18 AM
हमारे देश में ऐसा कोई राज्य नहीं है जिसमें नदियाँ न हो।
Submitted on 08 Dec, 2020 at 10:01 AM
उसकी मौन डालियाँ एक दूसरे से गले मिल खिलखिलाने लगीं।
Submitted on 30 Oct, 2020 at 11:40 AM
हम नहीं चाहते थे कि बेटे को हमरी तरह गोबर, गोइठा करके पेट पालना पड़े
Submitted on 30 Oct, 2020 at 11:35 AM
भूखे पेट...कीचड़ में कमल नहीं, मुझे धान की बालियाँ लुभाती है।”
Submitted on 30 Oct, 2020 at 11:28 AM
पर, तूने उस ऊँचे जात वाले शर्मा दुकान मालिक से दिल लगा बैठी।
Submitted on 30 Oct, 2020 at 11:21 AM
इस पल का साक्षी बन दरवाजे पर खड़ा विशाल बरगद का पेड़ मुस्कुरा उठा। उसके पत्तों में हलचल
Submitted on 26 Sep, 2020 at 11:06 AM
मैं यह विचारने लगी कि रक्षक यदि भक्षक बन जाए तो त्याग और बलिदान से मिले हमारे स्वतंत्र
Submitted on 30 Aug, 2020 at 11:27 AM
मानो वह दादा के सिखाए पाठ को स्मरण कर महामानव के पथ पर अग्रसर हो चला।
Submitted on 26 Aug, 2020 at 18:10 PM
यही तो समझना है , ये नदियां हमें राष्ट्रीय एकता का संदेश देती हैं।
Submitted on 26 Aug, 2020 at 18:03 PM
उनकी पुत्री वैदेही ने इस वर्तमान काल के नारी स्शक्तिकरण के उच्चतम पैमाना को स्थापित करक
Submitted on 25 Aug, 2020 at 17:59 PM
पति द्वारा अभिशापित ..आज मैं लोगों द्वारा पूजित हो रही हूँ ।
Submitted on 25 Aug, 2020 at 17:53 PM
वह शिशु की भांति चिपटकर फफकने लगा, “ तू जीवनदायनी है माँ तेरे बिना मर जाऊँगा !“
Submitted on 25 Aug, 2020 at 17:44 PM
किताब की भाषा तो सभी पढ़ लेते हैं पर... बुढापे के दर्द की भाषा विरले ही संतान पढ पाते !”
Submitted on 25 Aug, 2020 at 17:37 PM
”ईश्वर की महिमा अपरमपार है... आखिर हमदोनों को उसने मिला ही दिया !”
Submitted on 25 Aug, 2020 at 17:27 PM
" हाँ दोस्त, जिंदगी का इम्तिहान है, हँस कर देने में ही भला है।"
Submitted on 25 Aug, 2020 at 17:23 PM
बहुत तेज दर्द हुआ था मुझेजब मेरे घरवालों ने भ्रूण-परीक्षण के बहाने मेरा गर्भपात करवाया
Submitted on 25 Aug, 2020 at 17:17 PM
अपनी पत्नी को छोड़कर, दूसरी स्त्री को अपनाना धर्म विरूद्ध है !
Submitted on 31 Jul, 2020 at 17:51 PM
धरा के मुँह से तेज आग की लपट निकलने लगी और आँखों से रक्त का धार
Submitted on 29 Jul, 2020 at 10:20 AM
इस अनार्य प्रदेश में नदी के वेश में मुझे देखकर कौन बहना कहकर पुकार रहा है
Submitted on 27 Jul, 2020 at 06:39 AM
आप एसडीएम हैं,जानमाल की क्षति न हो , इसका अधिक ख्याल रखना है आपको । ”
Submitted on 23 Jul, 2020 at 02:53 AM
इस सबसे बेखबर बाप अच्छी पैदावार के लिए खून पसीने बहाता रहा
Submitted on 17 May, 2020 at 04:56 AM
बेटा, कीचड़ में बिचड़ों का मुस्कुराना मेरे मन को बहुत सुकून देता है
Submitted on 14 May, 2020 at 03:55 AM
माँ रोटी बनाना छोड़ , बेलन लेकर दौड़ पड़ी , बेलन से बापू के सिर पर प्रहार किया।
Submitted on 14 May, 2020 at 03:51 AM
मेरे पति भले पोलियो से ग्रसित हैं...पर, मन से अपाहिज नहीं !”
Submitted on 14 May, 2020 at 03:47 AM
बुदबुदाते हुए रमण एक हाथ माँ के कंधे पर रख दिया और दूसरा हाथ पत्नी के सिर पर।
Submitted on 05 May, 2020 at 11:46 AM
पत्नी की मुँह से पहली बार इतनी तेज आवाज सुनकर पति भौंचक रह गया।
Submitted on 01 May, 2020 at 04:05 AM
आँखें सपनों के सुनहरे संसार में कब विचारने लगे समय को भी पता नहीं चला !
Submitted on 29 Apr, 2020 at 12:55 PM
उसके कपोल पर लेपते हुए खुशी से चिल्लाया, 'अरे..तू तो मेरी होशियार घरनी है।'
Submitted on 08 Mar, 2020 at 09:23 AM
क्रोधाग्नि में जलता हुआ प्रकाश ने अपना विराट रूप धारण कर लिया।
Submitted on 04 Mar, 2020 at 08:43 AM
बहू के सर पर हाथ रखते हुए और पोती की गलबहियां लगाते हुए बोली।
Submitted on 03 Mar, 2020 at 09:09 AM
ससुर के स्याह चेहरे एकाएक ऐसे खिल उठे मानो उन्हें सही खुराक मिल गई हो।
Submitted on 01 Mar, 2020 at 07:34 AM
वहाँ आपको बहु के अलावा एक बहन भी बात करने को मिल जायेगी।
Submitted on 28 Feb, 2020 at 10:05 AM
बिना भौंके, आजकल रास्ता छोड़ने को कोई तैयार ही नहीं होता !
Submitted on 26 Feb, 2020 at 07:47 AM
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ये पश्चाताप के आँसू हैं या घड़ियाल के ?
Submitted on 25 Feb, 2020 at 08:25 AM
“ गुरु-शिष्य के संवाद को सुनकर, हारमोनियम से निकला स्वर— ‘साऽऽऽ....बहुत जोर से कराह उठा
Submitted on 24 Feb, 2020 at 07:31 AM
मुस्कुराते हुए वो बोले, "फूल ही तो है..जाओ इसके पकौड़े बनाओ। तुम फूल-उल के झूठे चक्कर
Submitted on 07 Feb, 2020 at 17:00 PM
'अहंकारी मौत 'आज अपने-आप को बौना समझ, नतमस्तक हो गयी।
Submitted on 06 Feb, 2020 at 16:06 PM
जब प्यार का पलड़ा अहम् से भारी लगने लगे, तो घर लौट आना, तुम्हारी बहुत याद आती है।
Submitted on 06 Feb, 2020 at 16:01 PM
कहते हुए राधा ने कटोरे का सारा गुलाल मेरे ऊपर उड़ेल दिया।
Submitted on 02 Feb, 2020 at 12:36 PM
इस बार अपनी सरकार बन गई तो, पक्का, मुख्यमंत्री की कुर्सी पर तुम्हीं को बिठाऊँगा
Submitted on 22 Jan, 2020 at 18:26 PM
' शहर के प्रख्यात ब्यूटीपार्लर में पुलिस ने रामलखन सिंह को संदिग्ध हालत में पकड़ा । '
Submitted on 21 Jan, 2020 at 17:45 PM
" सच कहता हूँ, कल मुझे बहुत दुख हुआ था , जब वो बाजार में सामान लेने लगे। इतने में किसी
Submitted on 30 Nov, 2019 at 16:27 PM
उसके आँखों से आँसुओं की बूंदे मोती की तरह जमीन पर बिखरने लगी
Submitted on 27 Nov, 2019 at 18:47 PM
दृढ़ता से कहते हुए सफाईकर्मी ने अपनी दिशा बदल ली।
Submitted on 20 Nov, 2019 at 06:30 AM
दिल की ख्वाहिशें वक्त के साथ रेत की तरह मुठ्ठी से बह चुका होता है
Submitted on 19 Nov, 2019 at 04:54 AM
“रामू , जा... फिर से स्टूल उठाकर तो ला...।दीपक बाबू ने जब नौकर को आदेश देते हुए कहा तो
Submitted on 13 Nov, 2019 at 05:33 AM
मेरा जिस्म घायल हो चुका है, मैं मृतप्राय जीवन व्यतीत कर रही हूँ.
Submitted on 08 Nov, 2019 at 08:31 AM
भूखे पेट कीचड़ में कमल नहींमुझे, धान की बालियाँ ही लुभाती है।
Submitted on 06 Nov, 2019 at 05:25 AM
मोबाइल पर टपकी विरह वेदना के मोतियों को जयंत अपने रूमाल से पोंछने लगा।
Submitted on 04 Nov, 2019 at 12:33 PM
सभी व्रतों के पीछे हमारे संस्कार और हमारा स्वास्थ्य दोनों है
Submitted on 03 Nov, 2019 at 07:36 AM
दहलीज को पार करते ही मेरा वीरान जीवन, अपनों के सानिध्य में खिलखिला उठा।
Submitted on 02 Nov, 2019 at 08:39 AM
बात को पुरा करते -करते आंटी के आँखों में सैलाब उमड़ पड़े। उनकी नजरें मुझ पर टिकी हुई थीं
Submitted on 31 Oct, 2019 at 17:57 PM
निस्तेज पड़ी गंगा, पिता का स्पर्श पाकर जीवंत... हो, पुनः कल- कल करने लगी।
Submitted on 24 Sep, 2019 at 17:13 PM
मेरा दोस्त पुरातन विचार धारा वाला है, मुझे मिला तो काफ़ी उदास था, नयी शादी हुई थी पर बीवी की लम्बाई कम थी, उसे लगा लोग स...
Submitted on 03 Aug, 2019 at 09:47 AM
अब तक वर्षा का पानी भी बंद हो चुका था। लोगों के चेहरे पर अप्रत्याशित ख़ुशी और संतोष देख, मेरा मन मयूर बन थिरकने लगा।
Submitted on 19 Jun, 2019 at 15:49 PM
दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड भारतीय राष्ट्रवाद का बेजोड़ प्रतीक है। यह प्रतीक सत्ता और शक्ति के साथ-साथ विविधता को भी...
Submitted on 17 Jun, 2019 at 17:46 PM
सौम्या, बेटा हो या बेटी मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। सब अपने भाग्य से आते हैं, हम तो केवल माध्यम हैं। सच तो यही है कि दोनों ...
Submitted on 14 Jun, 2019 at 13:30 PM
अचानक से जानी पहचानी आवाज सुनकर मैं चौंक गई , पीछे मुड़कर देखी, मेरे भाई खड़ा था , मैं बहुत खुश हो गई ...दौड़कर उनके समीप ग...
Submitted on 12 Jun, 2019 at 18:14 PM
मीरा, स्टेटस को कभी बीच में मत आने देना, दिल की दूरियां बढ़ जाती है
Submitted on 28 May, 2019 at 04:46 AM
अरे, मैं आपकी धरमपत्नी, आपके सुख-दुःख सब की भागीदार हूँ न। बेटवा, प्रकाश जे.एस.एस. पार्टी से खड़ा है और बिटिया, रीना बी....
Submitted on 24 May, 2019 at 08:37 AM
काश ! सबके मन की बात हो जाती तो दुनिया में कोई गरीब नहीं कहलाता !
Submitted on 22 May, 2019 at 04:53 AM
“बेटी..अब मुझसे ज्यादा जगह काम नहीं हो पाता..बस, यहीं कर लेती हूँ..वही ठीक है। यहाँ अपनापन लगता है। एक बूढी, विधवा को ...
Submitted on 18 May, 2019 at 16:27 PM
मैं, इस कमरे में दिन भर बेकार पड़ा रहता हूँ। फ़ालतू सामान की तरह
Submitted on 18 May, 2019 at 11:26 AM
दिल करता है, चारों बच्चियों के साथ रेल की पटरी पर सो जाऊं!” कहते-कहते कमली फफक पड़ी।
Submitted on 15 May, 2019 at 12:08 PM
आपसे कितनी बार बोली, दिखावे पर मत जाइए। जीवन में संतुलन जरूरी है, जितना चादर हो, उतना ही पैर पसारिये। पर
Submitted on 14 May, 2019 at 15:35 PM
लेखिका के हाथ में उनकी रचना थमाते हुए , लेखक महोदय हँसते-हँसते कुर्सी से उठ गये।
Submitted on 22 Mar, 2019 at 06:05 AM
कभी कोई हमसे मतलब ही नहीं रहा हो, जहन्नुम में जाओ... अब, सड़ो-मरो
Submitted on 12 Mar, 2019 at 17:05 PM
सुनते ही... रामलाल की आँखें भक्क से खुल गई और खुली ही रह गई।
Submitted on 12 Mar, 2019 at 15:45 PM
औरत खोखले ख्वाबों में उड़ान भरने से ज्यादा .. अपने को महफ़ूज रखना अधिक पसंद करती है।
Submitted on 11 Mar, 2019 at 11:24 AM
सौम्या की सहजता और सम्पूर्णता उसके चेहरे से साफ़ झलक रही थी । हमलोग तो निराश ही हो गये थे !
Submitted on 11 Mar, 2019 at 11:23 AM
“क्या गिरा बहू ? पता नहीं गुस्से में दूध का बर्तन गिरा दी या चाय का ? आजकल की बेटी-बहू किचन का काम मन से करती ही नहीं
Submitted on 11 Mar, 2019 at 11:21 AM
एक फूल के बदले, हजारों फूल मेरे चेहरे पर अनायास खिल गये।
Submitted on 09 Mar, 2019 at 10:39 AM
"जिंदगी का इम्तिहान है, हँस कर देने में ही भला है।" कहते हुए लड़का वहाँ से चल पड़ा।
Submitted on 05 Mar, 2019 at 18:17 PM
“सुनो..सुनो..सुनो...कोर्ट का सख़्त आदेश है, बाजार में विदेशी चाइनीज समान की बिक्री बहुत तेजी से बढ़ रही है...
Submitted on 12 Feb, 2019 at 15:58 PM
“नहीं चाचा, ऐसी बात नहीं है। प्राइवेट नौकरी में छुट्टी भी कम मिलती है, उस पर से गाँव आने में बहुत मशक्कत है
Submitted on 20 Jan, 2019 at 11:08 AM
उसी झुण्ड में ये दिखे | मेरे पैरों तले जमीन खिसक गई | ऑफिस से घर लेट आने के... इनके हजार बहाने, अब संदेह के घेरे में थे।...
Submitted on 03 Jan, 2019 at 02:13 AM